नियामकीय बदलाव के बीच वित्त वर्ष 2025 में जीवन बीमाकर्ताओं का न्यू बिजनेस प्रीमियम (एनबीपी) 5.13 प्रतिशत बढ़कर 3.97 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 में 2 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह 3.77 लाख करोड़ रुपये था।
लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 में सरकारी बीमाकर्ता भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का एनबीपी सालाना आधार पर 1.86 प्रतिशत बढ़कर 2.27 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वहीं निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनियों का एनबीपी सालाना आधार पर 9.80 प्रतिशत बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने सरेंडर वैल्यू नॉर्म में बदलाव किया था, जो 1 अक्टूबर, 2024 से लागू हुआ। इसके मुताबिक पॉलिसीधारकों को एक साल तक प्रीमियम भुगतान कर चुके लोगों को जीवन बीमा कंपनियों को ज्यादा स्पेशल सरेंडर वैल्यू (एसएसवी) भुगतान करना पड़ेगा। इस मानक के मुताबिक कीमाकर्ता को उन ग्राहकों को भुगतान नहीं करना होगा, जिन्होंने अपनी पॉलिसी एक साल पूरा होने के पहले सरेंडर कर दी है।
केयरएज रेटिंग्स में बीएफएसआई रिसर्च के प्रमुख सौरभ भालेराव ने कहा, ‘नियामक बदलावों के बाद वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अधिकांश पॉलिसियों की श्रेणी में वृद्धि धीमी हो गई है। साथ ही समूह एकल प्रीमियम के मामले में, मौजूदा ब्याज दर की स्थिति में वृद्धि करीब स्थिर रही। अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में पॉलिसियां कम आकर्षक हुई हैं। इसके अलावा केंद्रीय बजट में पेश किए गए कराधान मानदंडों में बदलाव भी प्रीमियम में वृद्धि पर असर डाल रहे हैं।’
वित्त वर्ष 2025 में व्यक्तिगत न्यू बिजनेस प्रीमियम सालाना आधार पर 11.3 प्रतिशत बढ़कर 1.67 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले साल 1.50 लाख करोड़ रुपये था। वहीं ग्रुप बिजनेस प्रीमियम सालाना आधार पर 1.07 प्रतिशत बढ़कर 1.64 लाख करोड़ रुपये हो गया है।