भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि हरित परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण विषम है और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रित है। उन्होंने कहा कि उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) में इस क्षेत्र में पूंजी प्रवाह को तत्काल बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है।
मुंबई में आयोजित वैश्विक 59वें सीसेन गवर्नर्स सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने के लिए तालमेल की जरूरत है क्योंकि कोई एक देश अलग थलग रहकर इसके लिए प्रभावी रणनीति नहीं बना सकता है।
उन्होंने कहा, ‘सुचारु रूप से हरित बदलाव के लिए निवेश की जरूरतें बढ़ी हैं, वहीं हरित परियोजनाओं में वास्तविक वित्तीय आवक बहुत कम है और कुल मिलाकर यह विकसित अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रित है। इसे देखते हुए ईएमई में हरित पूंजी का प्रवाह बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही हमें हरित बदलाव में वित्तीय स्थायित्व की संभावनाओं को भी ध्यान में रखने की जरूरत है।’