वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बुधवार को कहा कि भारत के बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता कुछ सुधरने के बावजूद अगले 12 से 18 महीनों में 3.0 प्रतिशत गिर सकती है। भारत की बैंकिंग प्रणाली में नजरिये को कुछ सुधारकर ‘स्थिर’ किया गया है।
बकाया ऋण और बट्टे खाते में डालने के कारण गैर निष्पादित ऋण सितंबर 2024 में गिरकर 2.6 प्रतिशत पर आ गया है जबकि यह मार्च 2024 में 7.3 प्रतिशत था। मूडीज ने बयान में बताया कि असुरक्षित खुदरा ऋणों, सूक्ष्म वित्त ऋण और लघु कारोबारी ऋण के कारण दबाव बढ़ने से एनपीएल में वृद्धि होगी।
फंसे हुए कर्ज का अनुपात और इस फंसे ऋण की घाटा प्रोविजनिंग की लागत क्रमिक आधार पर बेहद कम स्तर से बढ़ने की उम्मीद है। इसका कारण हालिया तिमाहियों में अर्थव्यवस्था की वृद्धि का सुस्त होना, ब्याज दरों के पूर्व में बढ़ने का प्रभाव और पुराने असुरक्षित खुदरा ऋण हैं।