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प्रधानमंत्री मोदी ने ₹1 लाख करोड़ के ‘RDI फंड’ की शुरुआत की, प्राइवेट सेक्टर में रिसर्च और इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा

आरडीआई फंड के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को नोडल मंत्रालय बनाया गया है जो एक दो-स्तरीय फंडिंग संरचना के माध्यम से काम करेगा

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उदिशा श्रीवास्तव   
Last Updated- November 03, 2025 | 11:11 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश में निजी क्षेत्र द्वारा संचालित शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के ‘शोध, विकास एवं नवाचार (आरडीआई) फंड’ की शुरुआत की। यह बड़ी घोषणा इमर्जिंग साइंस, टेक्नॉलजी ऐंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ए​स्टिक), 2025 के उद्घाटन के मौके पर की गई। आरडीआई फंड के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को नोडल मंत्रालय बनाया गया है जो एक दो-स्तरीय फंडिंग संरचना के माध्यम से काम करेगा।

पहले स्तर पर, अनुसंधान नैशनल रिसर्च फाउंडेशन के तहत स्थापित एक विशेष उद्देश्य कोष (एसपीएफ), फंड संरक्षक के रूप में काम करेगा। यह कोष सीधे कंपनियों और स्टार्टअप्स में निवेश नहीं करेगा। फंडिंग का काम दूसरे स्तर के फंड मैनेजरों द्वारा किया जाएगा, जिसमें वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ), विकास वित्त संस्थान (डीएफआई), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), या फोकस्ड रिसर्च ऑर्गेनाइजेशंस (एफआरओ) जैसे कि प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी), बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआईआरएसी) और आईआईटी रिसर्च पार्क शामिल हो सकते हैं।

इस फंड के तहत फंडिंग के तरीकों में कम या शून्य ब्याज दर पर दीर्घकालिक ऋण, पूंजी देना (विशेषकर स्टार्टअप के लिए) और डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स में योगदान शामिल है। यह फंड अनुदान और लघु अवधि के ऋण का समर्थन नहीं करेगा। इस नए घोषित फंड में जिन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा उनमें ऊर्जा सुरक्षा और बदलाव, क्वांटम कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स, अंतरिक्ष, बायोटेक्नॉलजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि वैश्विक व्यवस्था में एक नया बदलाव देखने को मिल रहा है और इस बदलाव की गति सीधी नहीं बल्कि बेहद तेजी से बढ़ रही है। इस परिप्रेक्ष्य के साथ, भारत उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से संबंधित विभिन्न पहलुओं को लगातार ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रहा है। स्टार्टअप तंत्र ने इस कदम का स्वागत किया है और इसे शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने वाला एक महत्त्वपूर्ण उत्प्रेरक और दूरदर्शी कदम बताया है।

वैकल्पिक पूंजी उद्योग को बढ़ावा देने वाली एक उद्योग संस्था, इंडियन वेंचर ऐंड ऑल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत टंडन ने कहा, ‘यह फंड भारत के नवाचार पूंजी ढांचे के निर्माण की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में सार्वजनिक-निजी सहयोग के एक नए दौर की बुनियाद रखता है जो दीर्घकालिक जोखिम लेने वाली पूंजी पर आधारित है।’

डीप-टेक पर आधारित वेंचर कैपिटल फंड ब्लू हिल.वीसी के जनरल पार्टनर मनु अय्यर ने कहा कि यह फंड शुरुआती चरण के विचारों और बाजार के लिए तैयार तकनीक के बीच के अंतर को पाटेगा। अय्यर ने कहा, ‘यह न केवल स्टार्टअप्स को डीप-टेक और फ्रंटियर सॉल्यूशंस पर बड़े जोखिम लेने के लिए तैयार करेगा बल्कि एक सहयोगी तंत्र भी बनाएगा जहां अकादमिक जगत, उद्योग और उद्यमी मिलकर नवाचार कर सकते हैं।

First Published : November 3, 2025 | 10:36 PM IST