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प्राइवेट इक्विटी और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश पर KKR की नजर, भारत में लंबी पारी खेलने को तैयार

KKR के लिए भारत प्रमुख रणनीतिक प्राथमिकता है क्योंकि अगले 5 वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है

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देव चटर्जी   
Last Updated- November 03, 2025 | 11:15 PM IST

अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी केकेआर पिछले करीब पांच वर्षों के दौरान देश में 9 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने के बाद अब निजी इक्विटी, बुनियादी ढांचा और निजी ऋण क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इससे भारत कंपनी की वैश्विक रणनीति के तहत एक ‘महत्त्वपूर्ण रणनीतिक प्राथमिकता’ के रूप में स्थापित हो गया है। केकेआर के वैश्विक सह-सीईओ स्कॉट नटॉल ने मुंबई में यह बात कही।

नटॉल ने कहा कि घरेलू खपत बढ़ने और निजी पूंजी के लिए नीतिगत समर्थन बने रहने के कारण भारत केकेआर की एशिया रणनीति के केंद्र में आ गया है। उन्होंने कहा कि फर्म वि​भिन्न परिसंप​त्ति वर्ग में अ​धिक सक्रिय होना चाहती है। उन्होंने पिछले सप्ताह कहा, ‘भारत केकेआर के लिए महत्त्वपूर्ण रणनीतिक प्राथमिकता है। ऐसा न केवल एशिया के संदर्भ में बल्कि वैश्विक संदर्भ में भी है।’

उन्होंने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर केकेआर इस साल 90 से 100 अरब डॉलर के बीच निवेश करेगी। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर भारत की स्थिति को देखते हुए हम उम्मीद करते हैं कि यहां हमारी गतिविधियां समय के साथ फर्म के वैश्विक प्रोफाइल के अनुरूप होंगी।’ केकेआर ने वर्ष 2008 में भारत में अपना कार्यालय स्थापित करने के बाद करीब 40 सौदों के तहत 13 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है।

भारत में केकेआर का निवेश शुरुआती वर्षों के मुकाबले तेजी से बढ़ा है। केकेआर के प्रमुख (एशिया-प्रशांत निजी इक्विटी) और केकेआर इंडिया के लीडर गौरव त्रेहन के अनुसार, फर्म ने पहले दशक में करीब 4 अरब डॉलर का निवेश किया और उसके बाद लगभग आधे समय में निवेश दोगुना हो गया। परिणामस्वरूप भारत अब केकेआर के एशिया निजी इक्विटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडों में सबसे बड़ा योगदान करने वालों में शामिल है। त्रेहन ने इसे ‘टॉप क्वार्टाइल’ बताया है।

केकेआर ने स्वास्थ्य सेवा, लाइफ साइंसेज, शिक्षा, उपभोक्ता, प्रौद्योगिकी और वित्तीय सेवा जैसे क्षेत्रों में निजी इ​क्विटी निवेश के साथ शुरुआत की थी। यह उसके स्थानीय निवेश का सबसे बड़ा हिस्सा अभी भी बना हुआ है। मगर फर्म ने तेजी से अपने नजरिये का विस्तार किया और 2020 की शुरुआत में बुनियादी ढांचे की ओर रुख किया। नटॉल ने कहा, ‘भारत एवं जापान एशिया में हमारे दो सबसे सक्रिय बाजार हैं। इन बाजारों ने असाधारण रूप से दमदार रिटर्न दिया है। उसी ताकत के बल पर हम निजी इक्विटी एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर में एशिया प्लेटफॉर्म तैयार करने में सफल हुए हैं।’

जहां तक इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी बुनियादी ढांचे का सवाल है तो केकेआर के पास अब भारत के एक सबसे बड़े बिजली पारेषण ग्रिड प्लेटफॉर्म के अलावा कई अक्षय ऊर्जा प्लेटफॉर्म और दिग्गज टोल रोड प्लेटफॉर्म में से एक है। त्रेहन ने कहा कि ये परिसंपत्तियों अभी भी वृद्धि के शुरुआती दौर में हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने इन्फ्रास्ट्रक्चर में अभी शुरुआत की है।’

निजी ऋण के मोर्चे पर केकेआर को एनबीएफसी वेंचर्स से जुड़ी चुनौतियों से जूझना पड़ा था। मगर उसने एक नई टीम एवं नई रणनीति के साथ अपनी पैठ बढ़ाई है। त्रेहान ने कहा कि कारोबार को नए सिरे से लॉन्च किए जाने के बाद निजी ऋण खातों में मूलधन की कोई हानि नहीं हुई है। केकेआर ने भारत के निजी ऋण क्षेत्र में करीब 1 अरब डॉलर का निवेश किया है।

वैश्विक स्तर पर केकेआर लगभग 650 से 700 अरब डॉलर की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करती है। इसमें ऋण श्रेणी में 250 से 300 अरब डॉलर, निजी इक्विटी में 200 अरब डॉलर, रियल एस्टेट में 200 अरब डॉलर और बीमा कारोबार में लगभग 200 अरब डॉलर की परिसंपत्तियां शामिल हैं। केकेआर की वर्ष2025 में दुनिया भर में 90 से 100 अरब डॉलर का निवेश करने की तैयारी है।

केकेआर भारत में अपने निवेश को दशकों तक बरकरार रखने की योजना बना रही है। त्रेहन ने कहा, ‘हम 5 से 6 वर्षों में रिटर्न की उम्मीद के बजाय अगले 10, 15, 20, 25 वर्षों के लिए निवेश कर सकते हैं?’ मगर उन्होंने यह नहीं बताया कि केकेआर अगले पांच वर्षों के दौरान भारत में कितना निवेश करेगी।

First Published : November 3, 2025 | 10:47 PM IST