वित्त-बीमा

जीएसटी छूट और त्योहारी मांग से बढ़ी हेल्थ और मोटर बीमा पॉलिसियों की बिक्री

स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने नए स्वास्थ्य बीमा जारी होने पर 50 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की

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आतिरा वारियर   
Last Updated- November 03, 2025 | 10:01 PM IST

स्वास्थ्य व मोटर बीमा पॉलिसियों की बिक्री में वृद्धि हुई है। बीमाकर्ताओं के अनुसार बीते कुछ महीनों में हुई इस वृद्धि का कारण बीमा उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) समाप्त करने के साथ त्योहारी मौसम है। सामान्य बीमाकर्ताओं का मानना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) हटाने का प्रभाव न्यूनतम है। इसके प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न विकल्प तलाशे जा रहे हैं। स्वास्थ्य बीमा कंपनियां इस प्रभाव को वितरकों पर डाल रही हैं।

निजी बीमाकर्ता आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस का मोटर और स्वास्थ्य बीमा खंड के पर्याप्त हिस्से पर नियंत्रण है और इन खंडों में कंपनियों की बिक्री में वृद्धि हुई। सबसे बड़े एकल स्वास्थ्य बीमाकर्ता स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने नए स्वास्थ्य बीमा जारी होने पर 50 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने नतीजे जारी होने के बाद बातचीत में कहा कि फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के जारी आंकड़ों से वाहनों की बिक्री में वृद्धि के मामले में जमीनी स्तर पर नई गति दिखाई दी।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी संजीव मंत्री ने बताया, ‘इस वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में हमारी वृद्धि 1.3 प्रतिशत थी लेकिन सितंबर 2025 के बाद त्योहारी मौसम में मांग जबरदस्त ढंग से बढ़ने और जीएसटी में कटौती के कारण वाहनों के दाम कम होने से हमारी मोटर बीमा की वृद्धि 6.5 हो गई।’

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के प्रबंधन ने बताया, ‘मुझे लगता है कि मांग की गति बहुत आशाजनक है और यह हमें खुदरा स्वास्थ्य बीमा की पॉलिसियों की संख्या बढ़ने से स्पष्ट रूप से उजागर हुई है।’

इस सिलसिले में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी नवीन चंद्र झा ने बताया कि उनका वाहन बीमा कारोबार जीएसटी हटने से महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ा। उन्होंने बताया, ‘हम वाहन खंड में 17 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं जबकि इस क्षेत्र में उद्योग की वृद्धि 8 प्रतिशत है। हम पर महत्त्वपूर्ण रूप (जीएसटी हटने का) से प्रभाव नहीं पड़ा है। इस साल के अंत तक प्रभाव शून्य के करीब होगा। संभवत: बड़े स्वास्थ्य बीमाकर्ता इस प्रभाव को महसूस कर सकते हैं लेकिन हमें कोई बड़ा प्रभाव नजर नहीं आ रहा है। हो सकता है कि ऋणशोधन क्षमता के कारण 1 से दो आधार अंक का प्रभाव पड़े और स्वास्थ्य बीमा की लाभप्रदता पर 3-4 प्रतिशत का असर पड़े।’

दरअसल, जीएसटी परिषद् ने सितंबर की शुरुआत में सभी व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर पूरी छूट देने की घोषणा की था। उनके पुन: बीमा करने को भी छूट दी गई ताकि बीमा का दायरा बड़े।

चार मीटर से कम लंबाई वाली 1200 सीसी की पेट्रोल कारों और 1500 सीसी की डीजल कारों पर जीएसटी 18 प्रतिशत कर दिया गया जबकि पहले उन पर 28 प्रतिशत जीएसटी और उपकर लगता था।

जीएसटी में सुधार होने से मोटर बीमा की बिक्री में वृद्धि हुई और इससे मोटर बीमा में इजाफा हुआ। सामान्य बीमा में सबसे बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य बीमा का है और इसकी कुल प्रीमियम संग्रह में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। गैर जीवन बीमा के कुल प्रीमियम में मोटर बीमा के प्रीमियम की हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत है।

First Published : November 3, 2025 | 9:46 PM IST