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सुधार की राह पर तेजी से बढ़ रही एलऐंडटी

Last Updated- December 14, 2022 | 10:28 PM IST

लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) के प्रति निवेशक धारणा पर लॉकडाउन-संबंधित समस्याओं का व्यापक प्रभाव पड़ा है। श्रम उपलब्धता, परियोजना क्रियान्वयन में विलंब, और नए ऑर्डर प्रवाह को लेकर चिंताओं से इस शेयर पर दबाव लगातार बना हुआ है।
लेकिन विश्लेषक अब यह मान रहे हैं कि चिंताएं काफी हद तक दूर हो चुकी हैं और एलऐंडटी अपने व्यावसायिक परिदृश्य में धीरे धीरे, लेकिन नियमित तौर पर सुधार दर्ज कर रही है। श्रम उपलब्धता सुधरने से परियोजना क्रियान्वयन में भी तेजी आ रही है। विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि सितंबर तिमाही सालाना आधार पर कमजोर रहेगी, लेकिन यह तिमाही आधार पर बेहतर रहने की संभावना है और दूसरी छमाही का प्रदर्शन काफी हद तक अच्छा रहेगा। एलऐंडटी क्रेडिट सुइस और जेफरीज के प्रमुख पसंदीदा शेयरों में शामिल है। इन विश्लेषकों का कहना है कि मजबूत पूंजी आवंटन, ईऐंडसी (इंजीनियरिंग एवं निर्माण), और वित्त वर्ष 2020-23 में नियोजित पूंजी पर बेहतर प्रतिफल (आरओसीई) इसके मुख्य कारण हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अर्थव्यवस्था के खुलने, आपूर्ति संबंधित समस्याएं और श्रम उपलब्धता को लेकर चिंताएं दूर होने से वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में अच्छी तेजी आने की संभावना है। पनबिजली संयंत्र के शुरू होने की ताजा घोषणाएं और सितंबर में ऑर्डर प्रवाह भी उत्साहजनक है। हालांकि निजी पूंजीगत खर्च कमजोर बने रहने की आशंका है और राज्य सरकार-केंद्रित परियोजनाओं, केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों से ऑर्डर प्रवाह से मदद मिलने की संभावना है। येस सिक्योरिटीज के उमेश राउत का मानना है कि कोविड-19 की स्थिति में सुधार आने से राजमार्ग, बंदरगाह, रेलवे और अन्य केंद्र सरकार द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के बड़े ऑर्डरों की संभावना है। सितंबर तिमाही में ऑर्डर प्रवाह 25,000 करोड़ रुपये पर अनुमानित है, जो पहली तिमाही के 23,600 करोड़ रुपये के मुकाबले कुछ बेहतर है, और विश्लेषकों को वित्त वर्ष 2021 में कंपनी की ऑर्डर बुक सालाना आधार पर 4.8 प्रतिशत बढऩे का अनुमान है।
विश्लेषकों का कहना है कि फिर भी, 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की ऑर्डर बुक अल्पावधि में कमजोर ऑर्डर प्रवाह को ताकत प्रदान करने के लिहाज से काफी हद तक पर्याप्त है। विश्लेषकों का मानना है कि परियोजना क्रियान्वयन की मजबूती से परिदृश्य में सुधार बरकरार रहेगा। कंपनी को घरेलू निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में बड़े निवेश पर ध्यान देने से भी लाभ मिलेगा। घरेलू कंपनियों को चीन की कंपनियों के मुकाबले वरीयता मिलने से
भी एलऐंडटी के ऑर्डर प्रवाह में मदद मिलेगी।
रिलायंस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि एलऐंडटी की बैलेंस शीट मजबूत है और उसे नकदी प्रवाह और दीर्घावधि संभावनाओं से मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय का मुकाबला करने में मदद मिल रही है। कंपनी की मौजूदा गैर-प्रमुख परिसंपत्ति बिक्री भी सकारात्मक है। जहां एलऐंडटी ने हाल में श्नीडर इलेक्ट्रिक को अपने इलेक्ट्रिकल एवं स्वचालन व्यवसाय की बिक्री से जुड़ा 14,000 करोड़ रुपये का सौदा पूरा किया है, वहीं जेफरीज के विश्लेषकों को 1,100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बिक्री की संभावना है। कनाडाई पेंशन फंड सीपीआईपीबी ने भी पिछले साल सड़क/पारेषण परिसंपत्तियों में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। विश्लेषकों का कहना है कि 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी बिक्री और नाभा पावर बिक्री के लिहाज से संभावित परिसंपत्तियां हैं। इसके अलावा, कंपनी ने संकेत दिया है कि वह हैदराबाद मेट्रो में हिस्सेदारी घटाएगी। कम आरओसीई की भागीदारी में कमी लाने और अच्छी परियोजनाओं पर ध्यान देने से
कंपनी के प्रतिफल अनुपात में इजाफा हागा।
विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक रूप से भू-राजनीतिक तनाव के बीच चीन को लेकर अत्यधिक निर्भरता से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए घरेलू निर्माण पर ध्यान बढ़ाने का शेयर की कीमत पर पूरी तरह असर नहीं दिखा है।
कुल मिलाकर, क्रेडिट सुइस का कहना है कि मार्जिन और कार्यशील पूंजी चिंताएं दूर हुई हैं, क्योंकि संकट वाली तिमाही गुजर चुकी है और वे सेक्टर/भौगोलिक विविधता, बैलेंस शीट, ट्रैक रिकॉर्ड और आकर्षक मूल्यांकन को देखते हुए एलऐंडटी पर ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग बरकरार रखे हुए हैं। एलऐंडटी का शेयर मौजूदा समय में अपने कुछ छोटे, हालांकि गैर-तुलनायोग्य प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कम मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है।
वित्त वर्ष 2022 की अनुमानित बुक वैल्यू के मुकाबले कीमत पर, यह शेयर 1.5 गुना पर कारोबार कर रहा है, जो एबीबी, सीमेंस, इंजीनियर्स इंडिया और केईसी इंटरनैशनल जैसे अन्य पूंजीगत वस्तु प्रतिस्पर्धियों (जो 1.8 से 4.6 गुना पर कारोबार कर रहे हैं) के मुकाबले काफी नीचे है। कई विश्लेषकों का मानना है कि मूल्यांकन अब अनुकूल है। जेफरीज का कहना है कि एलऐंडटी अपनी वित्त वर्ष 2023 की अनुमानित बुक वैल्यू के 1.3 गुना पर कारोबार कर रहा है, गिरावट को लेकर सुरक्षाको देखते हुए वित्त वर्ष 2021 में भी पूंजी पर प्रतिफल 10 प्रतिशत रहेगा, जो वित्त वर्ष 2023 में सुधरकर 14 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है।

First Published - October 18, 2020 | 11:29 PM IST

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