हीरो होंडा एक ऐसी कंपनी है, जिसमें हर परिस्थिति में बेहतर प्रदर्शन कर निवेशकों को चकित करने की क्षमता है। इस बार भी उसने कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया।
दरअसल, कुछ लोग कंपनी की क्षमता और मोटरसाइकिल बाजार में नंबर वन की कुर्सी पर काबिज होने के प्रति सवाल उठा रहे थे, लेकिन हीरो होंडा ने बेहतर प्रदर्शन कर सभी आलोचकों का मुंह बंद कर दिया।
कुछ लोग इस पर भी संदेह व्यक्त कर रहे थे कि क्या हीरो होंडा अपने जापानी साझेदार होंडा मोटर्स से नई तकनीक हासिल कर पाएगी? लेकिन हीरो होंडा ने सभी संदेहों को दूर कर दिया। मौजूदा समय में हीरो होंडा 12,357 करोड़ रुपये की कंपनी है और मोटरसाइकिल के बाजार में इसकी कुल हिस्सेदारी करीब 57 फीसदी है।
दूसरी ओर, करीब दर्जन भर मोटरसाइकिल निर्माताओं को बाजार हिस्सेदारी को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इनमें सुजूकी और यामहा भी शामिल हैं। वर्ष 2008-09 वाहन उद्योग के लिए निश्चित रूप से सकंट भरा रहा और हीरो होंडा पर भी दबाव देखा जा रहा था, लेकिन बिक्री के लिहाज से हीरो होंडा फिर अव्वल साबित हुई।
वर्ष 2008-09 में कंपनी की बिक्री में 12 फीसदी का इजाफा हुआ, वहीं शुद्ध मुनाफा भी करीब 32 फीसदी बढ़ा है। सेंसेक्स की टॉप तीन कंपनियों में हीरो होंडा तीसरे नंबर पर रही, जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर पहले और ग्लैक्सो दूसरे नंबर पर रहीं।
वर्ष 2009-10 के लिए रणनीति का असर हुआ और अप्रैल में हीरो होंडा की बिक्री सालाना आधार पर 29.5 फीसदी की दर से बढ़ी, जो वर्ष 2009-10 में कंपनी की बेहतर शुरुआत कही जा सकती है। इस दौरान कंपनी ने 3.70 लाख वाहनों की बिक्री की, जिनमें 3.55 लाख मोटरसाइकिल और शेष स्कूटर शामिल हैं।
मार्च में हीरो होंडा ने कुल 2.53 लाख वाहनों की बिक्री की थी। कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ पवन मुंजाल का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में वाहन उद्योग पर दबाव बना रहेगा। अगली तिमाही के बारे में उनका कहना है कि अभी इसे बारे में स्पष्ट रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन बिक्री बढ़ाने में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं।
हालांकि बाजार की होड़ में बने रहने के लिए कंपनी अपनी बिक्री बढ़ाने पर जोर देगी। हीरो होंडा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (विपणन एवं बिक्री) अनिल दुआ का कहना है कि कंपनी विभिन्न सेंगमेंट में 9 मॉडल लॉन्च करेगी। उनका कहना है कि नए मॉडल सितंबर तक बाजार में आ सकते हैं, यानी त्योहारों के ठीक पहले। इनके जरिए कंपनी को बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।
दुआ कहते हैं कि कंपनी कुछ नए मॉडलों को लॉन्च करेगी, साथ ही मौजूदा मॉडलों के फीचर, तकनीक और रंग आदि में बदलाव कर उन्हें री-लॉन्च किया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि किस मॉडल पर ज्यादा जोर रहेगा या किस मॉडल को री-लॉन्च किया जाना है। लेकिन उन्होंने इतना जरूर बताया कि कंपनी अपने ब्रांड के विकास और विस्तार पर भारी रकम निवेश करेगी।
उन्होंने बताया कि कंपनी विज्ञापनों के लिए मीडिया हाउसों से बातचीत भी करेगी, ताकि उसे ज्यादा फायदा मिल सके। जहां तक प्रमोशन पर खर्च करने की बात है, तो वह विज्ञापनों और ब्रांड बिल्डिंग पर ही ज्यादा किया जाएगा।
दुआ ने बताया कि कंपनी ग्राहकों को ज्यादा छूट नहीं देगी, बल्कि ब्रांडिंग और विज्ञापनों पर ज्यादा रकम खर्च करने की योजना बना रही है। उनका कहना है कि इसके जरिए डीलरों की बिक्री में इजाफा होगा, जिससे उनकी कमाई भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि अगर कोई ग्राहक 40,000 रुपये खर्च करने को तैयार है, तो उसे कुछ ज्यादा खर्च करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
पोर्टफोलियों में सुधार
हीरो होंडा ने तकनीक के लिए जापानी साझेदार होंडा मोटर्स के साथ करार किया है। ऐसे में हीरो होंडा निर्माण और वितरण पर ज्यादा ध्यान दे सकती है। कंपनी को स्प्लेंडर और पैशन प्लस (100 सीसी) और सुपर स्प्लेंडर व ग्लैमर (125 सीसी) सेगमेंट में काफी चुनौती मिल सकती है, क्योंकि इस सेगमेंट में कई मॉडल लॉन्च हो रहे हैं।
हालांकि हीरो होंडा के सभी मॉडल बहुत सफल नहीं रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडल कड़ी प्रतियोगिता के बीच भी वर्षों से अच्छा कारोबार कर रहे हैं। वैसे, बजाज भी नए-नए मॉडलों से एक्जीक्यूटिव सेगमेंट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रही है। कंपनी की एक्सीड 135 सीसी अच्छा कारोबार कर रही है, जबकि एक्सीड 125 सीसी की उतनी मांग नहीं है।
टीवीएस मोटर्स की 150 सीसी की बाइक अपाचे सबसे ज्यादा बिकती है और 100 सीसी के सेगमेंट में टीवीएस विक्टर भी अच्छा कर सकती है, लेकिन चेन्नई स्थित यह कंपनी बाजार की मांग के हिसाब से बाइक लॉन्च करने में सफल नहीं रही और पिछले तीन सालों से वह लगातार इस बाजार में हिस्सेदारी गवां रही है।
मेरिल लिंच की रिपोर्ट के मुताबिक, हीरो होंडा अगले 12 महीनों तकबाजार हिस्सेदारी में सबसे आगे रहेगी। 100 सीसी के पैशन प्रो मॉडल और अन्य कंपनियों के कमजोर डीलरशिप नेटवर्क के चलते कंपनी को मुकाबले में सबसे आगे रहने में मदद मिलने की उम्मीद है।
ग्रामीण पहलू
मंदी के मौजूदा माहौल में भी हीरो होंडा के वाहनों की बिक्री बढ़ने का कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कंपनी की मजबूत पहुंच है। कंपनी की 40 फीसदी आय ग्रामीण बाजारों से ही आती है। हीरो होंडा के उपभोक्ताओं की संख्या शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में ज्यादा तेजी से बढ़ी है।
यही वजह है कि कंपनी की ओर से त्योहारों और शादी के मौसम में इन इलाकों में नए मॉडलों को लॉन्च करने की तैयारी चल रही है। दरअसल, कंपनी ग्रामीण इलाकों में अपने आधार को और मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है।
सच तो यह है कि ग्रामीण इलाकों में हीरो होंडा के वाहनों की ज्यादातर बिक्री नकद होती है। ऐसे में ऊंची ब्याज दर और कर्ज मिलने में असुविधा का कंपनी की बिक्री पर खास असर नहीं पड़ा है। वाहन लोन के लिहाज से देखें तो हीरो होंडा के वाहनों की बिक्री में काफी गिरावट आई है।
पहले कंपनी की मोटरसाइकिलों की बिक्री में वाहन लोन की हिस्सेदारी 55-60 फीसदी होती थी, जो अब घटकर 25-30 फीसदी पर पहुंच गई है। दूसरी ओर देखें, तो बजाज ऑटो और अन्य दोपहिया निर्माताओं को ऊंची ब्याज दरों के कारण खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि उनकी बिक्री पर भी असर पड़ा है।
मुंजाल को उम्मीद है कि बैंकों की ओर से वाहन लोन मिलने में अब आसानी होगी। दरअसल, आरबीआई की पहल से ब्याज दरें कम हो गई हैं, लेकिन मुंजाल ने पिछले दिनों कहा था कि बैंक वाहन ऋण देने से परहेज कर रहे थे। इससे दोपहिया वाहनों की बिक्री प्रभावित हुई है।
कठिन है डगर
एंट्री लेवल के वाहन सेगमेंट में बजाज ऑटो के खाली स्थान का लाभ हीरो होंडा को मिल रहा है। इस सेगमेंट में हीरों होंडा के वाहनों की सर्वाधिक बिक्री होती है। कंपनी का इस सेगमेंट में 80 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा है। यही नहीं, इस सेगमेंट में मोटरसाइकिल के कुल बाजार का 65 फीसदी योगदान है।
दुआ का मानना है कि इस सेगमेंट में अभी और विकास की संभावना है। उन्होंने बताया कि कंपनी इस सेगमेंट के बारे में ग्रामीण ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए प्रेजेंटेशन दे रही है। अभी इस सेगमेंट में ग्रामीण इलाकों की हिस्सेदारी केवल 10 फीसदी है।
वैसे, लंबे समय से हीरो होंडा इस सेगमेंट में राज कर रही है, लेकिन होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर (एचएमएसआई) के इस सेगमेंट में आने से हीरो होंडा की बाजार हिस्सेदारी घट सकती है। मुंजाल भी इस बात को मानते हैं कि एचएमएसआई के आने से इस सेगमेंट में प्रतियोगिता बढ़ेगी।
हालांकि वे यह भी कहते हैं कि कंपनी हमेशा से प्रतियोगिता का सामना करती आई है और होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर के इस सेगमेंट में आने से उन्हें खास फर्क नहीं पड़ेगा। मेरिल लिंच का मानना है कि एचएमएसआई के इस सेगमेंट में वर्ष 2010-11 तक आने की संभावना है। ऐसे में हीरो होंडा से ज्यादा असर बजाज ऑटो पर पड़ सकता है।
वैसे, कुछ लोगों का मानना है कि होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर के इस सेगमेंट में प्रवेश से हीरो होंडा की बाजार हिस्सेदारी पर असर पड़ सकता है।
एक्जीक्यूटिव सेगमेंट पर देना होगा ध्यान
उद्योग जगत के जानकारों का कहना है कि आय में इजाफा और लोगों की महत्वाकांक्षा को देखते हुए लगता है कि 100 सीसी सेगमेंट में उतनी तेजी से विकास नहीं हो सकता, जितना की एक्जीक्यूटिव सेगमेंट (125 और 135 सीसी) में हो सकता है।
मौजूदा समय में कुल मोटरसाइकिलों की बिक्री में इस सेगमेंट की हिस्सेदारी 25-30 फीसदी है। लेकिन वर्ष 2011 तक इस सेगमेंट में मांग बढ़ेगी, जिससे इसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 34-35 फीसदी पहुंच सकती है। ऐसे में हीरो होंडा को बाजार में खुद को अव्वल बनाए रखने के लिए इस सेगमेंट पर ध्यान देना होगा। अभी कंपनी की इस सेगमेंट में बहुत कम हिस्सेदारी है।
विश्लेषकों का मानना है कि वर्ष 2011 तक 125 सीसी सेगमेंट में हीरो होंडा की बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी। इससे बाजार ऑटो, होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर और यामहा से हीरो होंडा को कड़ा मुकाबला करना होगा। फिलहाल इस सेगमेंट में बजाज ऑटो का वर्र्चस्व है, लेकिन हीरो होंडा के इस सेगमेंट में उतरने से कंपनी की बाजार हिस्सेदारी कुछ घट सकती है।
वैसे, बजाज ने हाल ही में एक्सीड 135 सीसी लॉन्च की है, जिसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। कंपनी के इस मॉडल की बिक्री प्रतिमाह 20,000 वाहन तक पहुंच गई है। इसके साथ ही पुणे स्थित बजाज ऑटो इस सेगमेंट में अभी और मॉडल लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। कंपनी के मुताबिक, नए मॉडल सिंतबर तक बाजार में आ सकते हैं।
हीरो होंडा को प्रीमियम सेगमेंट में भी कड़ी प्रतियोगिता का सामना करना पड़ सकता है। वैसे कंपनी अभी इस सेगमेंट में अच्छा कारोबार कर रही है। दुआ का कहना है कि पिछले दो साल के मुकाबले इस सेगमेंट की बिक्री दोगुनी हो गई है। इस सेगमेंट में सीबीजेड एक्सट्रीम (155 सीसी) और करिज्मा (225 सीसी) प्रमुख मॉडल हैं और दोनों की बिक्री जोर पकड़ रही है।
प्रीमियम सेगमेंट की मोटरसाइकिल बाजार में कुल हिस्सेदारी 10-15 फीसदी है, जिसमें बजाज पल्सर, टीवीएस अपाचे, एचएमएसआई का यूनिकॉर्न और यामहा का एफएक्स 16 मॉडल भी शामिल हैं। यही नहीं, इन मॉडलों की मांग भी बहुत ज्यादा है।
बिक्री का आंकड़ा
दोपहिया वाहनों की बिक्री को लेकर वाहन निर्माताओं के बीच कड़ी प्रतियोगिता है। हीरो होंडा की बिक्री में 7-8 फीसदी का विकास देखा गया, जबकि वर्ष 2008-09 में दोपहिया वाहनों की बिक्री 12 फीसदी की दर से बढ़ी। इसमें सरकार की ओर से उत्पाद शुल्क में कटौती का भी योगदान है।
दरअसल, शुल्क में कटौती का लाभ कंपनियों ने उपभोक्ताओं को दिया, जिससे वाहनों की बिक्री में तेजी आई। अर्थव्यवस्था में सुधार और ब्याज दरों में कटौती से दोपहिया वाहनों की बिक्री मंग चालू वित्त वर्ष के दौरान तेजी आने की उम्मीद है। जानकारों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में दोपहिया वाहनों की बिक्री 5-6 फीसदी की दर से बढ़ सकती है।
विभिन्न ऑटो कंपनियों की ओर से नए-नए मॉडल्स लॉन्च करने से हीरो होंडा पर असर पड़ सकता है। यही नहीं, अगर ग्रामीण बाजारों में हीरो होंडा की मांग में थोड़ी भी गिरावट आती है, तो कंपनी की बाजार हिस्सेदारी पर असर पड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
चालू वित्त वर्ष में हीरो होंडा की बिक्री इकाई अंक में बढ़ सकती है, जबकि राजस्व में 13-14 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद है। कंपनी चालू वित्त वर्ष में 14,000 करोड़ रुपये की आय अर्जित कर सकती है।
वैसे, वर्ष 2008-09 में मंदी के बावजूद कंपनी की बिक्री 20 फीसदी की दर से बढ़ी थी। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में कंपनी को कठिन चुनौती का सामना करना होगा।
लागत में कमी का मिलेगा लाभ
मुंजाल ने इस बात के संकेत दिए कि कच्चे माल की कीमतों, खासकर स्टील और एल्युमीनियम में नरमी आ रही है, जिसका लाभ इस साल कंपनी को मिलना तय है। विश्लेषकों का मानना है कि लागत में कमी की वजह से कंपनी की एबिटा मार्जिन 15 फीसदी रह सकता है, जबकि बीते वित्त वर्ष में कंपनी की एबिटा मार्जिन 14.2 फीसदी रहा।
हीरो होंडा को प्रति वाहन बिक्री पर 5,400 रुपये का फायदा होता है। ऐसे में कच्चे माल की कीमतों में खासा बदलाव नहीं हुआ, तो कंपनी इस मार्जिन को बनाए रख सकती है। हरिद्वार संयंत्र की उत्पादन क्षमता में इजाफा करने से भी कंपनी को लाभ मिलने की उम्मीद है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक की ओर से कहा गया है कि इस साल तक हरिद्वार संयंत्र की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 10 लाख वाहन सालाना करने की योजना है। वित्त वर्ष 2008-09 में कंपनी की शुद्ध आय 1,282 करोड़ रुपये रही, जो 34 फीसदी विकास दर को दर्शाती है। हालांकि इस साल बॉटम लाइन यानी मुनाफा 1,650-1,700 करोड़ रहने की उम्मीद है।
कह सकते हैं कि मुनाफे में 30 फीसदी का इजाफा होगा। बेहतर नकदी प्रवाह और अच्छी आमदनी के बावजूद कंपनी की ओर से पिछले साल के लिए कम लाभांश दिया गया। विश्लेषकों का मानना है कि वर्ष 2010-11 तक आय की वृद्धि दर स्थिर रह सकती है। सीएलएसए के अनुमान के मुताबिक, आय में 12 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
वर्ष 2008 में अच्छे प्रदर्शन की वजह से कंपनी के शेयरों के भाव भी तेजी से उछले। जनवरी 2009 से कंपनी के शयरों में अब तक 46 फीसदी का उछाल आ चुका है। बजाज ऑटो के शेयरों में इस दौरान तेजी देखी गई और उनमें करीब 56 फीसदी का उछाल आया। ऐसे में 1,184 रुपये के मौजूदा मूल्य पर कंपनी के शेयरों की खरीदारी से वर्ष 2009-10 में बेहतर रिटर्न की उम्मीद है।
