भारतीय रिजर्व बैंक ने इंडसइंड बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ सुमंत कठपालिया को एक साल के सेवा विस्तार की मंजूरी दी है जबकि बैंक के निदेशक मंडल ने तीन साल के सेवा विस्तार को मंजूरी दी थी। इसके बाद ब्रोकरेज फर्मों को लगता है कि बैंक नया सीईओ चुनने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
यह लगातार दूसरा मौका है जब बैंकिंग नियामक ने अल्पावधि के कार्यकाल की मंजूरी दी है जबकि बोर्ड ने पूरे तीन साल के कार्यकाल का अनुरोध किया था। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा, हमारा मानना है कि अगले कुछ महीनों में बोर्ड अपने एमडी और सीईओ की उत्तराधिकार योजनाओं पर विचार-विमर्श करेगा, जिसमें बाहरी उम्मीदवार भी शामिल हो सकते हैं। हमें निकट भविष्य में एमडी और सीईओ उम्मीदवार के संभावित नामों पर अनिश्चितता बढ़ती हुई दिख रही है।
शुक्रवार को निजी क्षेत्र के ऋणदाता ने एक्सचेंजों को सूचित किया कि आरबीआई ने 23 मार्च, 2026 तक एक वर्ष के लिए बैंक के एमडी और सीईओ के रूप में कठपालिया की दोबारा नियुक्ति को मंजूरी दी है। एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज ने कहा, एक वर्ष का विस्तार बताता है कि इसका मकसद बैंक के बोर्ड को उपयुक्त उम्मीदवार की तलाश के लिए पर्याप्त वक्त देना है। एमके ने कहा, हालांकि आरबीआई ने एक साल के विस्तार पर कोई दलील नहीं दी है। लेकिन हमारा मानना है कि वह पिछले सेवा विस्तार के दौरान तय शर्तों को लेकर हुई प्रगति से संतुष्ट नहीं है जिनमें एमएफआई पोर्टफोलियो के कुप्रबंधन सहित अन्य चिंताएं शामिल हैं और इस वजह से एनपीए में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा वृद्धि और परिसंपत्ति गुणवत्ता चुनौतियों के बीच एक साल का छोटा कार्यकाल रणनीतिक तौर पर अनिश्चितता का कारण बन सकता है। इंडसइंड बैंक ने का प्रदर्शन वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में कमजोर रहा जिसका कारण माइक्रोफाइनैंस पोर्टफोलियो पर दबाव है। लिहाजा, कुल ऋण वृद्धि में नरमी, कम शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) और ज्यादा प्रावधान हुआ। वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही से बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। दिसंबर तिमाही के अंत में उसका सकल एनपीए 2.3 फीसदी था। बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता पर दबाव के कारण लाभप्रदता पर भी असर हुआ है।
मैक्वेरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, कम कार्यकाल के कारण बैंक के सीईओ समय से पहले पद छोड़ने का फैसला कर सकते हैं, या फिर उनके एक साल के कार्यकाल के बाद दूसरे सीईओ की नियुक्ति हो सकती है। मौजूदा रुझानों को देखते हुए यह कोई पीएसयू बैंकर भी हो सकता है। हाल के दिनों में बंधन बैंक और आरबीएल बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से सीईओ नियुक्त किए हैं।
मैक्वेरी ने कहा, हमारा मानना है कि इंडसइंड बैंक के सीईओ के तौर पर किसी पीएसयू बैंकर की नियुक्ति का मतलब भी संरचनात्मक तौर डी-रेटिंग होगा। बैंक के शेयर सोमवार को 3.86 फीसदी गिरकर 900.60 रुपये पर बंद हुए जबकि व्यापक सूचकांक मामूली रूप से नीचे आए।
कोटक सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा कि इस घटनाक्रम का कोई वित्तीय असर नहीं पड़ेगा और कंपनी अपनी सकारात्मक रेटिंग बरकरार रखेगी क्योंकि अल्पावधि में रणनीति में किसी बदलाव की संभावना नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है, एमएफआई क्षेत्र की परेशानी में स्थिरता के कुछ संकेत नजर आए हैं और हम सुधार के संकेत देख रहे हैं। हम अभी भी सामान्य होने से कुछ समय दूर हैं, इसलिए ऋण लागत और चूक ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी, लेकिन जब रुझान उलटेगा तो दोबारा रेटिंग हो सकती है।
कठपालिया साल 2008 में इंडसइंड बैंक में शामिल हुए थे और मार्च 2020 में रोमेश सोबती के बाद एमडी और सीईओ बने। इंडसइंड में शामिल होने से पहले वे सिटीबैंक, बैंक ऑफ अमेरिका और एबीएन एमरो जैसे बहुराष्ट्रीय बैंकों में काम कर चुके हैं। वे चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से बी कॉम (ऑनर्स) किया है।
डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में खामियों का पता चला: इंडसइंड बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा इंडसइंड बैंक के एमडी और सीईओ सुमंत कठपालिया को केवल एक साल का विस्तार दिए जाने के कुछ दिनों बाद बैंक ने सोमवार को एक्सचेंजों को सूचित किया कि आंतरिक समीक्षा में इसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से संबंधित अन्य परिसंपत्ति और अन्य देयता खातों के शेष में विसंगतियों की पहचान हुई है, जिसका दिसंबर 2024 तक इसके नेटवर्थ पर लगभग 1,500 करोड़ रुपये का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
बैंक ने कहा, बैंक की विस्तृत आंतरिक समीक्षा में दिसंबर 2024 तक बैंक के नेटवर्थ पर लगभग 2.35 फीसदी का प्रतिकूल असर पड़ने का अनुमान लगाया गया है।
बैंक ने कहा, इसके साथ ही हमने आंतरिक निष्कर्षों की स्वतंत्र समीक्षा और सत्यापन के लिए एक प्रतिष्ठित बाहरी एजेंसी की नियुक्ति भी की है। साथ ही कहा कि बाहरी एजेंसी की अंतिम रिपोर्ट की प्रतीक्षा है, जिसके आधार पर बैंक अपने वित्तीय विवरणों में इसके परिणामस्वरूप पड़ने वाले असर पर उचित तरीके से विचार करेगा। बैंक ने कहा, बैंक की लाभप्रदता और पूंजी पर्याप्तता इस एकमुश्त प्रभाव को समाहित करने के लिहाज से ठीक है।