सोलर एनर्जी प्लांट के लिए पूंजी जुटाने को लेकर देश में अपनी तरह के पहले कदम के तहत इंदौर नगर निगम (आईएमसी) का ग्रीन बॉन्ड पब्लिक इश्यू के रूप में 10 फरवरी को खुलकर 14 फरवरी को बंद होगा। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
देश के सबसे स्वच्छ शहर का स्थानीय निकाय इस बॉन्ड के जरिये 60 मेगावॉट क्षमता का सोलर एनर्जी प्लांट लगाने के लिए करीब 245 करोड़ रुपये जुटाना चाहता है।
शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया,‘‘आईएमसी देश का पहला नगरीय निकाय है, जो सोलर एनर्जी प्लांट के लिए पब्लिक इश्यू के रूप में ग्रीन बॉन्ड पेश करने जा रहा है।’’
उन्होंने बताया कि ग्रीन बॉन्ड से जुटाए जाने वाली करीब 245 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल एक सोलर एनर्जी प्लांट लगाने में किया जाएगा जिससे बनने वाली बिजली से नर्मदा नदी के पानी को पड़ोसी खरगोन जिले के जलूद गांव से 80 किलोमीटर दूर इंदौर लाया जाएगा।
भार्गव ने बताया कि सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में कुल मिलाकर 300 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। उन्होंने बताया कि आईएमसी के हरित बॉन्ड में निवेश करने वाले हर व्यक्ति को तय अवधि के बाद करीब 8.25 प्रतिशत का सालाना रिटर्न दिया जाएगा।
भार्गव के अनुसार, इस बॉन्ड के 24 फरवरी को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। महापौर ने बताया कि फिलहाल जलूद से मोटर पम्प चलाकर नर्मदा जल को इंदौर लाने और इसे घर-घर पहुंचाने में आईएमसी को हर साल 300 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
उन्होंने कहा,‘‘जब जलूद में प्रस्तावित सौर ऊर्जा संयंत्र अपनी लागत निकाल लेगा, तो हमें वहां से नर्मदा जल को इंदौर लाने में हर महीने सात करोड़ रुपये की बचत होगी।’’ भार्गव ने बताया कि सौर ऊर्जा संयंत्र के निर्माण के लिए निविदा जारी हो चुकी है और काम शुरू होने के बाद इसे बनकर तैयार होने में दो साल लगेंगे।