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अगर आपका क्रेडिट स्कोर हुआ कम तो कर्ज पाने में फूलेगा दम

Last Updated- December 10, 2022 | 11:09 AM IST

सबप्राइम उधारकर्ता अपने क्रेडिट उपयोग अनुपात का ध्यान रखें, क्योंकि ज्यादा ऋण लेना समय के साथ बढ़ते कर्ज बोझ को दर्शाता है और आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है 
भारत में खुदरा उधारकर्ता कर्ज लेने के लिए काफी बेताब दिखते हैं और ऋणदाता भी अत्यधिक जोखिम वाले लोगों को कर्ज देने के लिए बाध्य हैं। क्रेडिट ब्यूरो ट्रांसयूनियन सिबिल की एक रिपोर्ट के अनुसार कुल खुदरा ऋण में सबप्राइम उधारकर्ताओं की हिस्सेदारी बढ़कर 32 फीसदी हो चुकी है जबकि 2019 में यह आंकड़ा 28 फीसदी था। 
कौन हैं सबप्राइम उधारकर्ता?
भारत में सबप्राइम उधारकर्ता की कोई मानक परिभाषा नहीं है न तो नियामक की ओर से और न ही उद्योग की ओर से ऐसी कोई परिभाषा दी गई है। पैसाबाजार डॉट कॉम के वरिष्ठ निदेशक गौरव अग्रवाल ने कहा, ‘कई देशों में डिफॉल्ट, अपराध, दिवालियापन अथवा कम अदायगी क्षमता के ट्रैक रिकॉर्ड वाले उधारकर्ताओं को सबसे अधिक क्रेडिट जोखिम वाले लेनदारों को सबप्राइम उधारकर्ता माना जाता है।’
सिबिल ट्रांसयूनियन के वर्गीकरण के अनुसार 300 से 680 तक के सिबिल स्कोर वाले व्यक्तियों को सबप्राइम के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। कंपनी ने अपनी जून 2022 क्रेडिट मार्केट इंडिकेटर (सीएमआई) रिपोर्ट में इस दायरे का इस्तेमाल किया है। याद रखें, क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होगा, साख उतनी ही बेहतर होगी।
एनबीएफसी, डिजिटल ऋणदाताओं का विकल्प चुनें
जब कोई उधारकर्ता क्रेडिट कार्ड के जरिये उधारी लेने की को​शिश करता है तो क्रेडिट स्कोर की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण हो जाती है। ट्रांसयूनियन सिबिल की वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डीटीसी) इंटरै​क्टिव डिविजन की प्रमुख सुजाता अहलावत ने कहा, ‘बैंक जैसे वित्तीय संस्थान ऋण के लिए आपके आवेदन की समीक्षा करते समय आपके सिबिल स्कोर, उम्र, आय और नौकरी में स्थायित्व आदि कई कारकों को ध्यान में रखते हैं।’
ऋण लेने के लिए न्यूनतम क्रेडिट स्कोर वि​भिन्न ऋणदाताओं के लिए अलग-अलग हो सकता है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और नए जमाने के डिजिटल ऋणदाताओं के पास आम तौर पर बैंकों के मुकाबले कहीं अ​धिक आसान क्रेडिट स्कोर एवं अन्य मानदंड होते हैं। अग्रवाल ने कहा, ‘सबप्राइम उधारकर्ता कर्ज लेने के लिए एनबीएफसी और नए जमाने के डिजिटल ऋणदाताओं से संपर्क कर सकते हैं। हालांकि ऐसे ऋणदाता सबप्राइम उधारकर्ताओं के मामले उच्च जोखिम की भरपाई के लिए अधिक ब्याज दर वसूलेंगे।’
ऐसे सबप्राइम उधारकर्ता जिसके पास सोने के आभूषण हैं, वे गोल्ड लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि उधारकर्ता कर्ज की अदायगी में चूक करता है तो ऋणदाता गिरवी रखे गए सोने के आभूषणों को आसानी से बेच सकता है। इसलिए ऋणदाता उन लोगों को भी गोल्ड लोन देने के लिए तैयार रहते हैं जिनका क्रेडिट स्कोर खराब है।
सबप्राइम होने की कीमत
आपका क्रेडिट स्कोर ही आपकी साख का पैमाना है। खराब क्रेडिट स्कोर न केवल आपके लिए ऋण हासिल करने में चुनौतियां पैदा करता है ब​ल्कि वह ब्याज दर को भी बढ़ा देता है। एंड्रोमेडा के निदेशक (डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, ब्रांडिंग एवं रणनीति) अरुण राममूर्ति ने कहा, ‘आवास ऋण के मामले में सबप्राइम और पारंपरिक उधारकर्ताओं के बीच ब्याज दरों में 100 से 150 आधार अंक का अंतर हो सकता है। बिना रेहन वाले ऋण के लिए उन्हें 25 से 30 फीसदी ब्याज दर का भुगतान करना पड़ सकता है।’ 
सबप्राइम से प्राइम कैसे बनें
स​बप्राइम उधारकर्ता अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर करते हुए प्राइम उधारकर्ता बन सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले उन्हें नियमित तौर पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पर नजर रखनी होगी। 
राममूर्ति ने कहा, ‘किसी तिमाही में कम से कम एक बार अपने क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट की समीक्षा करें। ऐसा करने से आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में उन त्रुटियों का पता लगा सकते हैं जो आपके स्कोर को कम कर रही हैं।’ देनदारी का समय पर भुगतान करना सुनि​श्चित करें क्योंकि यह आपके क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट के लिए काफी अहम कारक है। देरी से भुगतान करने या भुगतान नहीं करने से आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होगा।
एक अन्य महत्त्वपूर्ण कारक है आपका क्रेडिट उपयोग अनुपात। अहलावत ने कहा, ‘उच्च क्रेडिट उपयोग समय के साथ बढ़ते कर्ज बोझ को दर्शाता है। वह आपके स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।’ अपने ईएमआई बनाम आय अनुपात को 50 फीसदी से अधिक न होने दें। साथ ही, आपके क्रेडिट कार्ड पर बकाया भी कुल क्रेडिट सीमा के 30 से 40 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।
जगह जगह न मांगें कर्ज
कम समय-सीमा के भीतर अ​धिक पूछताछ आपके स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसके अलावा अपने स्कोर को बेहतर बनाने के लिए रेहन वाले और बिना रेहन वाले ऋण का संतुलन बनाकर रखें। बिना रेहन वाले ऋण पर काफी अधिक निर्भर रहने से बचें।

First Published - November 20, 2022 | 9:01 PM IST

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