ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया में बड़ा नाम रखने वाली कंपनी Dream11 की पैरेंट कंपनी Dream Sports अब फिनटेक क्षेत्र में कदम रखने जा रही है। न्यूज वेबसाइट मनीकंट्रोल की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी जल्द ही ‘Dream Money’ नाम से एक नया पर्सनल मनी मैनेजमेंट ऐप लॉन्च करने की तैयारी में है। इस ऐप के जरिए यूजर्स गोल्ड में निवेश, फिक्स्ड डिपॉजिट और अपनी कमाई-खर्च का हिसाब आसानी से रख सकेंगे। यह कदम Dream11 के सभी पेड कॉन्टेस्ट बंद होने के बाद कंपनी के बिजनेस को विविधता देने की दिशा में उठाया गया है। हाल ही में लागू हुए ऑनलाइन गेमिंग प्रोमोशन एंड रेगुलेशन लॉ के तहत, ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स पर रोक लग गई है, जिसके बाद Dream11 पूरी तरह फ्री-टू-प्ले सोशल गेम्स की ओर बढ़ चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक, Dream Money ऐप यूजर्स को कई तरह की सुविधाएं देगा। इस ऐप के जरिए कोई भी व्यक्ति सिर्फ 10 रुपये से सोने में निवेश शुरू कर सकता है। इसके लिए कंपनी ने डिजिटल गोल्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Augmont के साथ साझेदारी की है। यूजर्स रोजाना या मासिक आधार पर सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा, ऐप में फिक्स्ड डिपॉजिट की सुविधा भी होगी, जहां 1,000 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। खास बात यह है कि इसके लिए बैंक खाते की जरूरत नहीं होगी, और यूजर्स कभी भी अपने पैसे निकाल सकेंगे। यह सुविधा सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक, शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक, स्लाइस स्मॉल फाइनेंस बैंक और श्रीराम फाइनेंस जैसे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ साझेदारी में दी जाएगी। इस फीचर के लिए Dream Sports ने फिनटेक स्टार्टअप Upswing के साथ करार किया है, जो ओपन फाइनेंस-एज-ए-सर्विस प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है।
इसके अलावा, Dream Money ने SEBI रजिस्टर्ड AI इनवेस्टमेंट एडवाइजर सिनफिन के साथ भी हाथ मिलाया है। इससे यूजर्स अपने बैंक खातों, म्यूचुअल फंड्स, स्टॉक्स और ETFs जैसे एसेट्स को लिंक करके अपनी कमाई, खर्च और निवेश को एक ही जगह पर मॉनिटर कर सकेंगे। ऐप रोजाना और मासिक आधार पर वित्तीय जानकारी, यूजर्स के कैश फ्लो के आधार पर सुझाव और उनके एसेट्स का एनालिसिस भी देगा।
हालांकि, Dream Sports ने इस नए वेंचर पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। इससे पहले कंपनी ने मार्च 2023 में पाइन लैब्स के साथ मिलकर DreamX नाम से एक UPI पेमेंट ऐप लॉन्च किया था। हालांकि, जून 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के को-ब्रांडेड UPI सर्विसेज पर रोक लगाने के निर्देश के बाद इसे बंद करना पड़ा था।