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Cabinet: 2000 रुपये से कम UPI लेनदेन करने वालों को मोदी सरकार का 1,500 करोड़ का तोहफा

इस योजना के तहत केवल छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक का यूपीआई (पी2एम) लेनदेन आएगा।

Last Updated- March 19, 2025 | 6:55 PM IST
UPI payment
प्रतीकात्मक तस्वीर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2,000 रुपये से कम मूल्य के यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए करीब 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को बुधवार को मंजूरी दी। इस योजना के तहत सरकार किसी व्यक्ति द्वारा व्यापारी को किए गए 2,000 रुपये से कम के भुगतान पर एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) व्यय वहन करेगी।

केंद्र सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ‘व्यक्ति से व्यापारी’ (पी2एम) तक कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी।’’ कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक 1,500 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय के साथ लागू की जाएगी। इस योजना के तहत केवल छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक का यूपीआई (पी2एम) लेनदेन आएगा। छोटे व्यापारियों की श्रेणी से संबंधित 2,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन मूल्य पर 0.15 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।’’

कैबिनेट के इस फैसले से कैसे होगा फायदा

इस योजना के तहत ₹2,000 तक के UPI लेनदेन पर प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे विशेष रूप से छोटे व्यापारियों को लाभ मिलेगा। सरकार का लक्ष्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और व्यापारियों व उपभोक्ताओं पर वित्तीय भार को कम करना है।

₹2,000 तक के UPI (P2M) लेनदेन पर 0.15% का प्रोत्साहन मिलेगा।

सभी श्रेणियों के लेनदेन के लिए शून्य मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR), जिससे व्यापारियों को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।

अधिग्रहणकर्ता बैंकों को स्वीकृत दावों की 80% राशि हर तिमाही बिना शर्त जारी की जाएगी।

शेष 20% राशि तभी जारी की जाएगी, जब बैंक की तकनीकी विफलता (Technical Decline) 0.75% से कम रहे और सिस्टम अपटाइम 99.5% से अधिक बना रहे।

क्यों मोदी सरकार ने लिया ये फैसला

छोटे व्यापारियों को UPI अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना, जिससे उन्हें अतिरिक्त लेनदेन शुल्क न देना पड़े।

वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, खासकर टियर-3 से टियर-6 शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में UPI की पहुंच बढ़ाना।

डिजिटल अवसंरचना (Digital Infrastructure) को मजबूत करना, जिससे सिस्टम अपटाइम और दक्षता में सुधार हो।

सरकार के कम-नकद अर्थव्यवस्था (Less-Cash Economy) के लक्ष्य को बढ़ावा देना, जिससे पारदर्शिता और वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

यह योजना भारत की डिजिटल भुगतान रणनीति के अनुरूप है और वित्त वर्ष 2024-25 में ₹20,000 करोड़ के कुल लेनदेन मूल्य का लक्ष्य रखती है। यह सरकार द्वारा पहले से उठाए गए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाले कदमों की अगली कड़ी है, जिसमें जनवरी 2020 से RuPay डेबिट कार्ड और BHIM-UPI लेनदेन पर शून्य MDR लागू किया गया था।

पिछले 3 साल में कितनी राशि का आवंटन हुआ

पिछले तीन वित्त वर्षों में सरकार ने डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन के लिए आवंटित राशि में उल्लेखनीय वृद्धि की है:

FY 2021-22: ₹1,389 करोड़
FY 2022-23: ₹2,210 करोड़
FY 2023-24: ₹3,631 करोड़

इन प्रोत्साहनों को अधिग्रहणकर्ता बैंकों को वितरित किया जाता है, जो आगे इशूअर बैंक, भुगतान सेवा प्रदाताओं और ऐप प्रदाताओं के बीच वितरित करते हैं।

कैबिनेट की यह मंजूरी डिजिटल भुगतान अपनाने को बढ़ावा देने, निर्बाध लेनदेन सुनिश्चित करने और भारत के वित्तीय प्रौद्योगिकी (FinTech) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के सरकार के संकल्प को दर्शाती है।

(एजेंसी इनपुट के साथ) 

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First Published - March 19, 2025 | 6:36 PM IST

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