facebookmetapixel
वंदे मातरम् के महत्त्वपूर्ण छंद 1937 में हटाए गए, उसी ने बोए थे विभाजन के बीज: प्रधानमंत्री मोदीअमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप बोले— ‘मोदी मेरे दोस्त हैं’, अगले साल भारत आने की संभावना भी जताईऑफिस मांग में टॉप-10 माइक्रो मार्केट का दबदबाBihar Elections: बिहार में मुरझा रही छात्र राजनीति की पौध, कॉलेजों से नहीं निकल रहे नए नेतासंपत्ति पंजीकरण में सुधार के लिए ब्लॉकचेन तकनीक अपनाए सरकार: सुप्रीम कोर्टदिल्ली हवाई अड्डे पर सिस्टम फेल, 300 उड़ानों में देरी; यात्रियों की बढ़ी परेशानी‘पायलट पर दोष नहीं लगाया जा सकता’ — सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एयर इंडिया हादसे में निष्पक्ष जांच जरूरीबिहार में सत्ता वापसी की जंग: लालू की विरासत पर सवार तेजस्वी यादव के लिए चुनौतीढाका से कोलंबो तक: GenZ ने भ्रष्ट शासन पर गुस्सा दिखाना शुरू कर दिया हैसीखने-सिखाने का हाल: QS रैंकिंग ने दिखाई शिक्षा प्रशासन में सुधार की जरूरत

वित्त मंत्री ने पांच और बैंकों में मुख्य महाप्रबंधक पद सृजित करने को मंजूरी दी

इसमें कहा गया है कि संशोधन के साथ, सभी 11 राष्ट्रीयकृत बैंकों में सीजीएम पदों की संख्या 80 से बढ़कर 144 हो गई है।

Last Updated- October 22, 2024 | 6:27 AM IST
Nirmala Sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया तथा यूको बैंक समेत पांच और राष्ट्रीयकृत बैंकों में मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) का पद सृजित करने को मंजूरी दे दी है। यह पद निदेश मंडल स्तर से नीचे होगा। इसके अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक भी अपने महाप्रबंधकों को मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) के पद पदोन्नत कर सकेंगे। इससे पहले, सीजीएम पद 11 राष्ट्रीयकृत बैंकों में छह में थे।

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘यह पद सृजित करते हुए वित्त मंत्री ने उन बैंकों में सीजीएम की मौजूदा संख्या में वृद्धि को भी मंजूरी दे दी है, जिनमें पहले से इस स्तर के पद हैं। इस कदम से बैंकों की प्रशासनिक संरचना और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।’’

सीजीएम पद राष्ट्रीयकृत बैंकों में महाप्रबंधक (जीएम) और कार्यकारी निदेशक (बोर्ड स्तर के पद) के बीच एक प्रशासनिक और कार्यात्मक स्तर के रूप में काम करता है।

बयान के अनुसार, सीजीएम पदों की संख्या में वृद्धि से डिजिटलीकरण, साइबर सुरक्षा, वित्तीय प्रौद्योगिकी, जोखिम, अनुपालन, गांवों में बैंक, वित्तीय समावेशन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर बेहतर तरीके से ध्यान दिया जा सकेगा। साथ ही खुदरा कर्ज, कृषि ऋण जैसे क्षेत्रों की बेहतर निगरानी को लेकर बैंकों की क्षमता बढ़ेगी।

Also read: सार्वजनिक उपक्रमों से मिल सकता है ₹65,000 करोड़ का लाभांश, टूटेगा अब तक का रिकॉर्ड

इसमें कहा गया है कि सीजीएम की संख्या में वृद्धि से बैंकों को बेहतर नियंत्रण और निगरानी करने में मदद मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप परिसंपत्ति प्रबंधन और परिचालन दक्षता में सुधार होगा। इसमें कहा गया है कि 31 मार्च, 2023 तक बैंकों के कारोबार के आधार पर सीजीएम की संख्या संशोधित की गयी है।

इसके तहत प्रत्येक चार महाप्रबंधक के लिए एक सीजीएम होगा। पद के सृजन/वृद्धि से न केवल सीजीएम के पद पर पदोन्नत होने वाले जीएम को लाभ होगा, बल्कि जीएम स्तर के पदों से नीचे के अधिकारियों, यानी उप महाप्रबंधक (डीजीएम) और सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) को भी लाभ होगा।

इसमें कहा गया है कि एक सीजीएम स्तर का पद, चार जीएम पद, 12 डीजीएम पद और 36 एजीएम पद की वृद्धि होगी। इसमें कहा गया है कि संशोधन के साथ, सभी 11 राष्ट्रीयकृत बैंकों में सीजीएम पदों की संख्या 80 से बढ़कर 144 हो गई है।

First Published - October 22, 2024 | 6:27 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट