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घर खरीदारों को सताने लगा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का डर

ज्यादातर लोगों का मानना है कि ब्याज दर के नौ प्रतिशत से अधिक होने पर आवास खरीदने का निर्णय प्रभावित हो सकता है।

Last Updated- October 18, 2024 | 7:20 PM IST
It is necessary to stop the excitement of investment in real estate, India should learn a lesson by seeing the condition of China रियल एस्टेट में निवेश का जोश रोकना जरूरी, चीन की हालत देखकर भारत को लेना चाहिए सबक

शेयर बाजार और सोना-चांदी में जोरदार तेजी और बेहतर रिटर्न मिलने के बावजूद रियल एस्टेट में निवेशकों का भरोसा कायम है। निवेशकों के भरोसे और खरीदारों की मांग के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी का दौर जारी है। आवासीय क्षेत्र में अभी भी एक करोड़ रुपये से कम कीमत वाले मकानों की मांग सबसे अधिक है। हालांकि लोगों को ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का डर सताने लगा है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि ब्याज दर के नौ प्रतिशत से अधिक होने पर आवास खरीदने का निर्णय प्रभावित हो सकता है।

उद्योग मंडल फिक्की और रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के एक सर्वेक्षण में करीब 90 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि ब्याज दर के नौ प्रतिशत से अधिक होने पर खरीदारों की मकान लेने की इच्छा प्रभावित हो सकती है। फिक्की और एनारॉक ने शुक्रवार को अपनी संयुक्त मकान खरीदार धारणा सर्वेक्षण रिपोर्ट रियल एस्टेट सम्मेलन में जारी की।

इस सर्वेक्षण में 7,615 लोगों को शामिल किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि हाल ही में हुए सर्वेक्षण में 71 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि यदि ब्याज दर 8.5 प्रतिशत से कम रहती हैं, तो उनके मकान खरीदने के फैसले पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, 87 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा कि दर नौ प्रतिशत से अधिक होने पर पर इसका असर उनके फैसल पर होगा। दर 8.5 प्रतिशत से 9.0 प्रतिशत के बीच होने पर करीब 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें अपनी पसंद को लेकर पुन:विचार करना पड़ेगा।

सर्वेक्षण में 59 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने रियल एस्टेट निवेश के लिए सबसे पसंदीदा क्षेत्र परिसंपत्ति बताया। भारतीय आवास बाजार मुख्य रूप से मकान खरीदारों से संचालित होता है। सर्वेक्षण प्रतिभागियों में से 67 प्रतिशत से अधिक ने स्वयं के इस्तेमाल के लिए संपत्ति लेनी की बात कही। सर्वेक्षण के अनुसार, 35 प्रतिशत से अधिक संभावित मकान खरीदारों के लिए 45-90 लाख रुपये का बजट सबसे पसंदीदा विकल्प बना हुआ है।

वहीं 28 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने 90 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये के बीच की कीमत वाले मकानों को अपनी प्राथमिकता बताया। मकान खरीदारों की प्रमुख मांगें समय पर परियोजना पूरी होना (98 प्रतिशत), बेहतर निर्माण गुणवत्ता (93 प्रतिशत) और अच्छे हवादार मकान (72 प्रतिशत) हैं।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के कार्यकारी निदेशक प्रमोद राव ने रियल एस्टेट क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने में नियामक ढांचे के महत्व को रेखांकित किया। राव ने कहा कि उद्योग की दीर्घकालिक सफलता के लिए निवेशकों का विश्वास महत्वपूर्ण है। पारदर्शिता व कामकाज के तरीकों पर सेबी की नजर इस विश्वास को बनाए रखने में महत्वपूर्ण कारक रही है। राव ने इस बात पर जोर दिया कि संस्थागत निवेश आकर्षित करने के लिए मजबूत अनुपालन और बेहतर पारदर्शिता महत्वपूर्ण होगी।

एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि उपभोक्ता भावना सर्वेक्षण समयानुकूल तथा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मौजूदा बाजार परिवेश में समकालीन खरीदारों की प्राथमिकताओं का आकलन करता है। साथ ही भारतीय आवासीय अचल संपत्ति में वर्तमान महत्वपूर्ण रुझानों को बताता है। संस्थागत निवेशक रियल एस्टेट क्षेत्र में बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पादों के विकास के माध्यम से धन सृजन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। फिक्की के पूर्व अध्यक्ष एवं शहरी विकास एवं रियल एस्टेट पर फिक्की समिति के सलाहकार तथा सोमानी इम्प्रेसा ग्रुप के चैयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संदीप सोमानी ने कहा कि भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र ने उल्लेखनीय विकास किया है।

भारत की आर्थिक वृद्धि रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी से विस्तार को बढ़ावा दे रही है। आवासीय बाजार 2029 तक 1040 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 25.6 प्रतिशत संचयी वृद्धि दर से बढ़ रहा है। यह वृद्धि अल्ट्रा-लक्जरी संपत्तियों तथा महत्वपूर्ण निवेशों की बढ़ती मांग से प्रेरित है।

First Published - October 18, 2024 | 7:17 PM IST

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