बैंकों ने एक साल की धन की सीमांत लागत पर उधारी दर (MCLR) में औसतन 120 आधार अंक (बीपीएस) की वृद्धि की है जबकि सावधि जमा पर ब्याज दरों में औसतन 78 बीपीएस की बढ़ोतरी हुई है।
इससे बैंकों की परिसंपत्तियों और देनदारियों की दर में 40 बीपीएस से अधिक का अंतर आ गया है। महंगाई दर पर काबू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मई 2022 के बाद नीतिगत दरों में बढ़ोतरी करने से बैंकों की दरों में बढ़ोतरी हुई है।
मई 2022 के बाद बेंचमार्क रीपो रेट 250 बीपीएस बढ़कर 6.50 फीसदी हो गई है। इस अवधि में बैंकों के ऋण से जुड़े बाहरी मानकों से जुड़ी उधारी दर में भी उसी मात्रा में वृद्धि हुई है। अभी ज्यादातर खुदरा ऋण बाहरी मानकों से जुड़े हुए हैं। आरबीआई की मानक दर बढ़ने से ब्याज दर भी बढ़ जाती है।
हालांकि उद्योग जगत को एमसीएलआर से जुड़े ऋण अधिक आकर्षक लगते हैं। इसका कारण यह है कि रीपो से जुड़े ऋणों से अलग एमसीएलआर से जुड़े ऋण तब महंगे होते हैं, जब जमा राशि की वृद्धिशील लागत बढ़ जाती है।
जमाकर्ताओं को बढ़ी वृद्धि दर का ज्यादा फायदा नहीं पहुंचाया गया है। हालांकि ईबीएलआर बढ़ोतरी से कम एमसीएलआर की बढ़ोतरी है। इससे बैंकों को कॉरपोरेट बुक को बेहतर करने में मदद मिली।
सितंबर, 2022 की समाप्ति पर उद्योगों की बाहरी मानक आधारित उधारी दर (ईबीएलआर) से जुड़े ऋण की हिस्सेदारी कुल ऋण की 47.6 फीसदी थी जबकि एमसीएलआर आधारित ऋण की हिस्सेदारी 46.5 फीसदी थी।
रिजर्व बैंक की हालिया बुलेटिन में फरवरी में रीपो दर में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी को शामिल नहीं किया गया है। इसके अनुसार नए और बकाया रुपया ऋण पर भारित औसत उधारी दरों (डब्ल्यूएएलआर) में क्रमश: 137 बीपीएस और 80 बीपीएस की वृद्धि हुई है। हालांकि मई-दिसंबर 2022 की अवधि के दौरान रीपो दर में 225 बीपीएस की बढ़ोतरी हुई।
इस अवधि में बैंकों पर बकाया जमा पर भारित औसत घरेलू सावधि जमा (डब्ल्यूएडीटीडीआर) में 75 बीपीएस की बढ़ोतरी हुई जबकि इस अवधि में नई जमा राशि पर डब्ल्यूएडीटीडीआर में 213 बीपीएस की बढ़ोतरी हुई। नई उधार और जमा, बकाया उधार और जमा के बीच ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है। इससे दोनों के बीच अंतर बढ़ रहा है।
इससे परिसंपत्तियों की तुलना में देनेदारी की दर में ज्यादा बढ़ोतरी हो रही है। फरवरी में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी के बाद भी कुछ बैंकों ने एमसीएलआर में बढ़ोतरी की है। बैंकों ने नकदी कम होने और उच्च उधारी की बढ़ोतरी के कारण अपनी ब्याज दरों में तेजी से बढ़ोतरी की है।
आरबीआई के हालिया आंकड़े के अनुसार 27 जनवरी, 2023 को समाप्त हुए पखवाड़े में सालाना आधार पर बैंकिंग सिस्टम की उधारी 16.3 फीसदी बढ़कर 133.41 लाख करोड़ रुपये हो गई।