भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल के 14 ट्रिलियन रुपये की तुलना में इस साल क्रेडिट कार्ड खर्च में 27% की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह खर्च 18.26 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया। मार्च 2024 में भी खर्च में तेजी देखी गई, त्योहारी सीजन और वित्तीय वर्ष के अंत के चलते इसमें 10% की मासिक वृद्धि हुई।
त्योहारों और मार्च महीने (वित्तीय वर्ष का अंत) होने के कारण इस महीने क्रेडिट कार्ड लेन-देन में काफी बढ़ोतरी देखी गई। केयरएज रेटिंग्स के विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़ोतरी कुछ समय तक जारी रह सकती है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में पहले से ही खर्च ऊंचा होने और सरकारी नियमों में सख्ती आने की वजह से इसमें थोड़ी कमी आने की भी संभावना है।
कुल 1.64 ट्रिलियन रुपये के खर्च में से मार्च 2024 में पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) लेनदेन में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह फरवरी से 11% बढ़कर 60,378 करोड़ रुपये हो गया। वहीं, ई-कॉमर्स भुगतान में भी 10.53% की वृद्धि हुई और यह 0.95 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर 1.05 ट्रिलियन रुपये पर पहुंच गया। बता दें कि शीर्ष कार्ड जारीकर्ताओं में HDFC बैंक, Axis बैंक और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। इन बैंकों ने भी क्रमशः 8.57%, 8.05% और 14.49% की वृद्धि के साथ लेनदेन में इजाफा दर्ज किया है।
एसबीआई कार्ड ने भी लेनदेन में 7.32% की वृद्धि दर्ज की और मार्च 2024 में यह आंकड़ा 24,949.17 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। गौर करने वाली बात यह है कि भारत में मार्च 2024 तक बैंकों द्वारा जारी किए गए कुल क्रेडिट कार्ड की संख्या 101 मिलियन का आंकड़ा पार कर गई है। इसके साथ ही मार्च तक सिस्टम में बकाया क्रेडिट कार्ड की संख्या भी बढ़कर 101 मिलियन हो गई, जो फरवरी के अंत में 100.60 मिलियन से थोड़ी अधिक थी।
क्रेडिट कार्ड जारी करने में HDFC बैंक सबसे आगे है, इसके बाद एसबीआई कार्ड, आईसीआईसीआई बैंक और Axis बैंक का स्थान आता है। इन बैंकों ने क्रमशः 20.59 मिलियन, 18.89 मिलियन, 16.95 मिलियन और 14.21 मिलियन कार्ड जारी किए हैं।