वैश्विक सर्वे में शामिल भारत के आधे से ज्यादा अकाउंटेंटों ने तेजी से बदलती तकनीक और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के कारण भविष्य में कौशल विकास की सक्षमता को लेकर चिंता जताई है।
एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स (एसीसीए) द्वारा कराए गए तीसरे वार्षिक ग्लोबल टैलेंट ट्रेंड्स सर्वे 2025 में पाया गया, ‘मध्यम और कनिष्ठ स्तर के पेशेवर, वरिष्ठ नेतृत्व और बोर्ड स्तर के उत्तरदाताओं की तुलना में अधिक चिंतित हैं।’ जवाब देने वाले 54 प्रतिशत भारतीयों ने भविष्य में अपेक्षित कौशल विकसित न होने को लेकर चिंता जताई, जबकि वैश्विक औसत 50 प्रतिशत है।
सर्वे में कहा गया कि आधे से अधिक लोगों ने एआई और तकनीक को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। भारत में 43 प्रतिशत लोगों के मुताबिक एआई सबसे मूल्यवान कौशल है, जबकि वैश्विक औसत 36 प्रतिशत है।
सर्वे में एक्सेंचर इंडिया की सीएफओ एम्मा जिंदल ने कहा, ‘भविष्य के कार्यस्थल में सफल होने के लिए तकनीक की गहन समझ अनिवार्य है। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि वित्त पेशेवर लोग तकनीक के साथ अधिक सहज हो रहे हैं।’
प्रतिक्रिया देने वालों में से सिर्फ 37 प्रतिशत ने कहा कि उनका संगठन एआई से जुड़े कौशल सीखने के अवसर मुहैया करा रहा है। सर्वे में शामिल भारत के 41 प्रतिशत लोग ऑफिस में कम करने वाले जबकि सिर्फ 13 प्रतिशत अन्य जगह काम करने वाले थे। 75 प्रतिशत ने कामकाज के हाइब्रिड मॉडल का समर्थन किया। प्रतिक्रिया देने वालों में 45 प्रतिशत हाइब्रिड मॉडल पर काम करने वाले लोग थे।
एसीसीए के सर्वे में यह भी पाया गया है कि पूरी तरह से ऑफिस में काम करने वाले पेशेवरों की संख्या पिछले 3 साल से निरंतर बढ़ रही है और यह 2023 के 30 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 34 प्रतिशत और 2025 में 41 प्रतिशत हो गई है।
सर्वे में कहा गया है कि फ्लैक्सिबल काम व हाइब्रिड या दूर बैठकर काम करने को लगातार सबसे मूल्यवान (49 प्रतिशत) लाभ के रूप में उद्धृत किया जा रहा है और नियोक्ता इसके माध्यम से कामकाज और जीवन में सकारात्मक संतुलन मुहैया करा सकता है।