यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) में कम मूल्य के लेनदेन को प्रोत्साहन में कटौती पर फिनटेक उद्योग ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन के तहत वास्तविक समय भुगतान प्रणाली पर मर्चेंट डिस्काउंट दर (एमडीआर) दी जाए या अगले वित्त वर्ष से प्रोत्साहन परिव्यय का विस्तार हो।
सरकार ने भीम-यूपीआई पर पियर-टू-मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है और इस पहल पर उद्योग ने अपनी चिंता जताई है। यह वित्त वर्ष 2024 के लिए पर्याप्त कमी थी।
तीसरे पक्ष भुगतान करने वाली फिनटेक कंपनी के अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, ‘छोटे और बड़े कारोबारियों को हालिया प्रोत्साहन दिए जाने के तरीके को लेकर अभी तक असमंजस है। क्या ऑफलाइन और ऑनलाइन मर्चेंट के खर्चे के ढर्रे में व्यापक रूप से बदलाव होने के बावजूद भी यह दोनों पर समान रूप से लागू होगा?’
केंद्र ने छोटे कारोबारियों को 2,000 रुपये के लेनदेन तक 0.15 प्रतिशत छूट देनी तय की है। इतनी राशि बड़े कारोबारियों के खर्च करने पर कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा। हालांकि 2,000 रुपये से अधिक लेनदेन की स्थिति में किसी के लिए भी कोई प्रोत्साहन नहीं होगा।
अन्य अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि इस ढांचे में छोटे और बड़े कारोबारियों के लिए 2,000 से अधिक लेनदेन होने की स्थिति में कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा। यूपीआई के दौर में छोटे कारोबारियों के लिए 2,000 रुपये के मूल्य से कम पर 0.15 प्रतिशत की छूट देना बड़े खरीदारों के लिए शायद व्यावहारिक नहीं होगा।’