BS BFSI Summit: भारत के लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) के पास यूनिवर्सल बैंक बनने के लिए कोर बैंकिंग, सूचना प्रौद्योगिकी और संचालन पद्धति मौजूद है। वे परिवर्तन के लिए तैयार हैं मगर उनको कोई जल्दबाजी नहीं है क्योंकि वे बेहतरीन दीर्घावधि वृद्धि के लिए क्षमता और व्यापकता का निर्माण कर रहे हैं। यह जानकारी बिज़नेस स्टैंडर्ड के बीएफएसआई इनसाइट समिट में लघु वित्त बैंकों के मुख्य कार्य अधिकारियों ने दी। बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक ने लघु वित्त बैंकों को यूनिवर्सल बैंकों में तब्दील होने का मार्ग साल 2019 में ही शुरू किया था, लेकिन उसने इसके लिए स्पष्ट नियम इस साल जारी किए।
लघु वित्त बैंकों के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि यूनिवर्सल बैंक बनने से धन की लागत कम होगी। फिलहाल वे जमा पर 25 से 50 आधार अंक अधिक भुगतान करते हैं। दूसरा फायदा उनके लिए पूंजी पर्याप्तता की आवश्यकता भी मौजूदा 15 फीसदी से कम होकर 11.5 फीसदी हो जाएगी। तीसरा यह कि यूनिवर्सल बैंकों के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण दायित्व भी 75 फीसदी से कम होकर 40 फीसदी रह जाएगा और अंत में इससे ग्राहक संतुष्ट होंगे और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा।
क्या लघु वित्त बैंक बड़े हो सकते हैं, इस विषय पर आयोजित पैनल विमर्श के दौरान ईएसएएफ एसएफबी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी के पॉल थॉमस ने कहा, ‘हम कुछ भी कर सकते हैं। हमें पिछले साल ही अधिकृत डीलर लाइसेंस मिला है। इसलिए हम वह सब कर सकते हैं जो एक यूनिवर्सल बैंक करता है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि इस परिवर्तन से लघु वित्त शब्द नहीं रहेगा और हमें यूनिवर्स बैंक की तरह तरजीह मिलेगी। इससे यह फायदा होगा कि लोगों की धारणा बदलेगी।
थॉमस की बात से इत्तफाक रखते हुए उत्कर्ष एसएफबी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी गोविंद सिंह ने कहा, ‘अगर आप बैलेंसशीट का आकार देखेंगे तो हम भले ही संख्या में नजर आएं लेकिन अगर आप हमारे ग्राहकों की संख्या, कर्मचारियों की संख्या, शाखाओं के नेटवर्क पर गौर करेंगे तो कई लघु वित्त बैंक यूनिवर्सल बैंकों के मुकाबले बड़े दिख सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘अगर हम किसी भी तरह, चाहे नियमों से अथवा यूनिवर्सल बैंक बनकर, अपने नाम से लघु शब्द हटा दें तो इससे हमें काफी फायदा मिलेगा। मगर फिर भी मुझे लगता है कि प्रभाव के मामले में, नेटवर्क के मोर्चे पर हम बड़े हैं और हम वह गतिविधियां कर सकते हैं, जो एक सामान्य बैंक नहीं कर सकता।’
लघु वित्त बैंकों के सकारात्मक पहलुओं पर जन स्मॉल फाइनैंस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अजय कंवल ने कहा कि बड़े का अर्थ सिर्फ आकार से नहीं होता है।