Market This Week: भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के अंतिम ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार (7 नवंबर) को बड़ी गिरावट के साथ काफी हद तक रिकवर होने के बाद लाल निशान में लगभग सपाट बंद हुए। आईटी, एमएफसीजी और फार्मा शेयरों में बिकवाली के बीच फाइनेंशियल और मेटल शेयरों में खरीदारी से बाजार को कुछ सपाट मिला। हालांकि, लेकिन प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 और सेंसेक्स साप्ताहिक गिरावट के साथ बंद हुए। विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने कंपनियों के मजबूत नतीजों और अमेरिका-भारत के बीच ट्रेड डील की उम्मीदों को पीछे छोड़ दिया।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) शुक्रवार को 94.73 अंक या 0.11 फीसदी की गिरावट लेकर 83,216.28 पर बंद हुआ। जबकि नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) 17.40 अंक या 0.07 फीसदी की गिरावट लेकर 25,492 पर बंद हुआ। जबकि साप्ताहिक आधार पर दोनों इंडेक्स इस हफ्ते (3 से 7 नवंबर) 0.9 फीसदी की गिरावट में रहे।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत अच्छी चल रही है और वह जल्द ही भारत आने की योजना बना रहे हैं।
इसके बावजूद विदेशी निवेशकों ने पिछले तीन ट्रेडिंग सेशन में 9,845 करोड़ रुपये (1.12 अरब डॉलर) के भारतीय शेयर बेचे हैं। अक्टूबर में उनकी खरीदारी पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी, जिससे बेंचमार्क सूचकांकों में 4.5 फीसदी की वृद्धि हुई।
बाजार के जानकारों का कहना है कि अक्टूबर की तेजी के बाद शार्ट टर्म में बाजार में कंसोलिडेशन आने की संभावना है। निवेशक अब मजबूत ट्रिगर की तलाश कर रहे हैं। चाहे वह लगातार सकारात्मक कमाई नतीजे या व्यापार अनिश्चितताओं पर स्पष्टता हो, जिसने धारणा को सतर्क रखा है।”
इस हफ्ते 16 प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स में से 12 गिरावट के साथ बंद हुए। ब्रोडर बाजार में स्मॉल-कैप शेयर 1.7 फीसदी टूटे। जबकि मिड-कैप शेयरों में ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया। हफ्ते के दौरान कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर में 2.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। यह प्रतिशत के आधार पर सबसे बड़ी सेक्टोरल गिरावट रही। इस सेक्टर पर एंबर एंटरप्राइजेज और व्हर्लपूल ऑफ इंडिया के कमजोर नतीजों का दबाव देखा गया।
पब्लिक सेक्टर बैंकों में इस हफ्ते 2.1% की बढ़त दर्ज की गई। यह साप्ताहिक आधार पर सबसे मजबूत प्रदर्शन रहा। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के बेहतर नतीजे और पूरे वित्त वर्ष के लिए लोन ग्रोथ टारगेट में बढ़ोतरी का बड़ा योगदान रहा।
ग्रासिम इंडस्ट्रीज के शेयर इस हफ्ते 6.6 फीसदी टूट गए। कंपनी की पेंट्स डिवीजन के प्रमुख के इस्तीफे से बिजनेस मोमेंटम को लेकर चिंताएं बढ़ीं। दूसरी तरफ, एशियन पेंट्स के शेयर 4.1 फीसदी चढ़े। इसे MSCI इंडेक्स में वेट बढ़ने, नोमुरा की रेटिंग अपग्रेड और पेंट सेक्टर में प्रतिस्पर्धा को लेकर घटती चिंताओं से सहारा मिला।
वहीं, ऑटोमेकर महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के शेयर 5.8 फीसदी बढ़े। कंपनी के तिमाही लाभ में वृद्धि और आरबीएल बैंक में 7.7 करोड़ डॉलर की हिस्सेदारी बेचने के चलते शेयरों में तेजी देखने को मिली।
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निवेशकों की वेल्थ में इस महीने में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप इस सप्ताह घटकर 4,66,31,517 करोड़ रुपये रह गया। पिछले शुक्रवार (31 अक्टूबर) को यह 47,106,180 करोड़ रुपये था। इस तरह, निवेशकों की सम्पति अक्टूबर महीने में 4,74,663 करोड़ रुपये घट गई।