सरकारी बॉन्डों की यील्ड में मिलने वाला फायदा शुक्रवार को कारोबार के अंत में पूरी तरह से खत्म हो गया। डीलरों के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने शुरुआती कारोबार में यील्ड में आई नरमी का फायदा उठाते हुए बॉन्ड बेचकर मुनाफा कमाना बेहतर समझा।
कारोबारी घंटों के बाद अमेरिका से गैर कृषि पेरोल डेटा आने वाला था, जिसे देखते हुए ट्रेडर्स सतर्क रहे। दिन में कारोबार के दौरान दस साल के सरकारी बॉन्ड का यील्ड घटकर 7.02% पर आ गया, क्योंकि सरकार ने गुरुवार को पेश बजट में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमान से कम सकल उधारी के आंकड़े पेश किए हैं। कारोबार के अंत में यील्ड 7.06% रहा जो गुरुवार की तुलना में सपाट ही है।
एक सरकारी बैंक की डीलर ने बताया, ‘सुबह तो बजट के बाद का उत्साह देखा गया। बाजार तेजी से आगे बढ़ा, लेकिन इसके बाद सरकारी बैंकों ने मुनाफावसूली की। अमेरिका से आने वाले गैर कृषि पेरोल के आंकड़े अमेरिकी राजकोष की सही तस्वीर पेश करेंगे। अमेरिकी आंकड़े आने से पहले कोई भी शुक्रवार को पोजीशन नहीं लेना चाहता था, इस वजह से फायदों की दिशा पलट गई।’
दूसरी तरफ, विदेशी प्रवाह के बल पर शुक्रवार को रुपया 5 पैसे की मजबूती के साथ बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह डॉलर के मुकाबले बढ़कर 82.83 तक पहुंच गया, लेकिन बाद में रिजर्व बैंक ने डॉलर की खरीद कर विदेशी मुद्रा बाजार में दखल दी जिससे फायदे पर अंकुश लग गया। कारोबार के अंत डॉलर के मुकाबले में रुपया 82.93 पर बंद हुआ। गुरुवार को यह 82.98 पर बंद हुआ था।