सरकारी बॉन्ड यील्ड में सोमवार को वृद्धि का अनुमान है। इसका कारण भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का शुक्रवार को दिया गया एक बयान है। दास ने आगाह किया कि हालिया महंगाई के आंकड़ों के मद्देनजर फिलहाल नीतिगत दर में कटौती ‘समय से काफी पहले’ और ‘जोखिम’ भरा कदम हो सकता है। हाल के समग्र महंगाई के आंकड़े ऊंचे आए हैं और आगे भी महंगाई ऊंची बनी रह सकती है।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘यील्ड (10 साल के सरकारी बॉन्ड) 6.80 से 6.85 फीसदी के बीच कारोबार करेगा।’ उन्होंने बताया, ‘हमारे पास अगली बैठक (मौद्रिक नीति की बैठक) से पहले करीब डेढ़ महीने का समय है और आने वाले आंकड़े बाजार की चाल तय करेंगे। हम यूएस यील्ड के बदलाव पर भी नजर रख रहे हैं।’
10 साल के बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड की यील्ड शुक्रवार को 6.81 फीसदी थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने सामान्य मॉनसून और स्थिर आपूर्ति स्थितियों के अनुमान के आधार पर इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) में महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। हालांकि सितंबर में बढ़ते खाद्य दामों और प्रतिकूल आधार के कारण खुदरा महंगाई बढ़कर नौ महीने के उच्च स्तर 5.49 फीसदी पर पहुंच गई थी।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने बताया, ‘रिजर्व बैंक के गवर्नर के बयान के अनुसार सितंबर में ऊंची महंगाई और अक्टूबर में भी महंगाई बढ़ने के अनुमान की वजह से अभी ब्याज दर में कटौती समय से पहले होगी। दिसंबर में मौद्रिक नीति की बैठक में ब्याज दर में कटौती होने की उम्मीद कम है। हालांकि आने वाले आंकड़ों के आधार पर फरवरी की बैठक में ब्याज दर में कटौती की संभावना है।’
बॉन्ड मार्केट के एक समूह को यह उम्मीद थी कि घरेलू ब्याज दर तय करने वाली समिति दिसंबर से रीपो दर में कटौती शुरू करेगी। इस महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति की समीक्षा में छह सदस्यीय मौद्रित नीति समिति ने नीतिगत दर को यथावत रखा था लेकिन रुख को समायोजन वापस लेने से तटस्थ कर दिया था।
वैश्विक मोर्चे पर कई प्रतिकूल आंकड़ों के बाद बाजार का अनुमान यह है कि यूएस फेडरल रिजर्व ब्याज दर में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है। हालांकि बाजार का पहले 50 आधार अंक की कटौती का अनुमान था।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने बताया, ‘हम सितंबर में महंगाई के आंकड़े जारी के होने के बाद फरवरी में 25 आधार अंक की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।’