भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) ऐप ने यूपीआई सर्कल के लिए आज फुल डेलीगेशन फीचर पेश किया। इसका मकसद रियल-टाइम पेमेंट रेल पर नए यूजर जोड़ना है। यह फीचर प्राइमरी यूजर को अपने भरोसेमंद सेकेंडरी कॉन्टैक्ट को अपने अकाउंट से यूपीआई भुगतान करने का अधिकार देगा जिसकी अधिकतम मासिक सीमा 15,000 रुपये होगी।
भीम की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी ललिता नटराज ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इससे यूपीआई में बहुत सारे नए यूजर आएंगे। उदाहरण के लिए वरिष्ठ नागरिक जैसे लोग हिचकने वाले यूजर होते हैं। बच्चे, जो आम तौर पर किशोर होते हैं, यूपीआई का इस्तेमाल करना जानते हैं। लेकिन पॉकेट मनी चाहते हैं। ये श्रेणियां आपको पारिस्थितिकी तंत्र में सुरक्षित तरीके से नए यूजर प्रदान करती हैं।’
कोई प्राइमरी अकाउंट यूपीआई भुगतान को पांच सेकेंडरी यूजर तक सौंप सकता है। लेकिन हर सेकेंडरी यूजर को भुगतान के लिए सिर्फ एक प्राइमरी अकाउंट से जोड़ा जा सकता है। किसी सेकेंडरी यूजर का बैंक अकाउंट हो भी सकता है और नहीं भी। अलबत्ता उन्हें भीम ऐप पर किसी मान्य वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) के साथ पंजीकृत होना चाहिए। फिलहाल यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के 45 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं। इसे नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा संचालित किया जाता है।
यूपीआई सर्कल को साल 2024 में शुरू किया गया था। इसमें आंशिक और पूरी तरह से डेलीगेट वाले भुगतान फीचर हैं। फुल डेलीगेशन के उलट आंशिक डेलीगेशन के मामले में हर लेनदेने के लिए प्राइमरी यूजर से मंजूरी की जरूरत होती है। नटराज ने कहा, ‘हमें लगता है कि फुल डेलीगेशन पेश किए जाने के नतीजतन फुल और आंशिक दोनों को अपने खास इस्तेमाल के मामले मिलेंगे और दोनों ही बढ़ेंगे।’