facebookmetapixel
HSBC ने भारतीय शेयर बाजारों की रेटिंग बढ़ाई, ‘न्यूट्रल’ से अपग्रेड कर ‘ओवरवेट’ कियाPhonePe IPO: आईपीओ के लिए फोनपे की गोपनीय राह, ₹12,000 करोड़ जुटाने की योजनाम्युचुअल फंड में लिस्टेड कंपनियों का रिकॉर्ड ₹3.8 लाख करोड़ का निवेश, 1990 के बाद सबसे बड़ा आंकड़ाकर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज की X की याचिका, कहा- सहयोग पोर्टल जनता की भलाई का साधनStock Market: शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट; सेंसेक्स 386 अंक टूटारुपया क्यों गिर रहा है?UP International Trade Show: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे उद्घाटन, नोएडा में कल से शुरू होगा ट्रेड शो; क्या है इस बार खास?मराठवाड़ा में भारी बारिश और बाढ़ से तबाही, सरकार ने दिवाली से पहले किसानों को आर्थिक मदद का आश्वासन दियाफ्री बिजली से डिस्कॉम्स लाखों करोड़ के घाटे में!लद्दाख में हिंसक हुआ विरोध, 4 लोगों की मौत, 30 घायल; सोनम वांगचुक ने जताया दुख

निर्बाध ऋण पहल से बैंकों की कर्ज देने की लागत 70 प्रतिशत घटी : RBI अधिकारी

किसानों को कर्ज के लिए बैंक के चक्कर में भारी कमी आई है। पहले जहां किसान को एक सप्ताह में छह से आठ चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब यह अधिकतम शून्य मिनट पर आ गया है।

Last Updated- September 11, 2023 | 12:08 AM IST
42 thousand crores written off, 9.90 lakh crores waived off in 5 years बट्टे खाते में गए 42 हजार करोड़, 5 साल में 9.90 लाख करोड़ की कर्ज़ माफी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुरू की गई निर्बाध ऋण पहल से बैंकों की कर्ज देने की लागत 70 प्रतिशत तक घट रही है, वहीं ग्राहक कर्ज राशि का छह प्रतिशत तक बचा रहे हैं। केंद्रीय बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

किसान क्रेडिट कार्ड के साथ इस पहल की शुरुआत की

रिजर्व बैंक नवोन्मेष केंद्र (RBIH) ने सार्वजनिक प्रौद्योगिकी मंच की प्रायोगिक शुरुआत इसी साल अप्रैल में तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में पूर्ण डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) कर्ज के साथ की थी। इस पहल का विस्तार करते हुए 17 अगस्त को चार और राज्यों- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात (दुग्ध किसानों के लिए) में भी इसे शुरू किया गया था।

RBI के कार्यकारी निदेशक और वित्तीय प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अजय कुमार चौधरी ने सप्ताहांत में यहां तीन दिवसीय ‘वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी महोत्सव’ को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को निर्बाध कर्ज देने के लिए सार्वजनिक प्रौद्योगिकी मंच की प्रायोगिक शुरुआत से बैंकों की परिचालन लागत 70 प्रतिशत से ज्यादा कम हो गई है, वहीं किसान कर्ज राशि का छह प्रतिशत तक बचा रहे हैं।

Also read: RBI ने बताया, 7 अक्टूबर तक समाप्त होगा I-CRR नियम

किसानों को नहीं लगाने पड़ते है बैंक के चक्कर

चौधरी ने कहा कि इससे भी बढ़कर, किसानों को कर्ज के लिए बैंक के चक्कर में भारी कमी आई है। पहले जहां किसान को एक सप्ताह में छह से आठ चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब यह अधिकतम शून्य मिनट पर आ गया है। उन्होंने कहा कि इससे उन पारंपरिक शुल्कों में भी कमी आई है जो बैंक उधार लेने वालों से वसूलते थे क्योंकि सभी दस्तावेज़ डिजिटल रूप से उपलब्ध होने के कारण ऋण देने के इस मॉडल के साथ कोई लागत नहीं आती है।

First Published - September 10, 2023 | 6:38 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट