भारतीय बैंक लंबे समय तक तेज वृद्धि करते रहे और उन्होंने तगड़ा मुनाफा भी कमाया मगर यह दौर अब थमने वाला है। ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने आज कहा कि कई तरह की चुनौतियों के कारण बैंकों के लिए यह गोल्डीलॉक्स (जहां सभी कुछ एकदम सटीक होता है) युग निकट भविष्य में खत्म होने वाला है।
गोल्डमैन सैक्स ने आज जारी अपनी रिपोर्ट में भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को डाउनग्रेड भी कर दिया। अभी तक वह दोनों को ‘खरीदने’ की सिफारिश कर रही थी मगर अब उन्हें ‘तटस्थ’ की श्रेणी में डाल दिया है।
रिपोर्ट में बजाज फाइनैंस को तटस्थ की श्रेणी से हटाकर बेचने की सलाह भी दी गई है। मगर अक्टूबर-दिसंबर के वित्तीय नतीजे जारी करने के बाद पिछले महीने से ही बिकवाली झेल रहे एचडीएफसी बैंक के शेयर को गोल्डमैन सैक्स ने 33 फीसदी ऊपर उठाते हुए खरीदने की सलाह दी है। 16 जनवरी को 17.5 फीसदी तक लुढ़का यह शेयर अब 2.7 फीसदी चढ़ चुका है।
ब्रोकिंग फर्म ने रिपोर्ट में कहा कि 2019-20 से ही संपत्तियों पर रिटर्न में अच्छी खासी वृद्धि देख रहे भारतीय बैंकों के लिए यह रफ्तार अब धीमी हो जाएगी क्योंकि मार्जिन में कमी और ऋण-जमा अनुपात ज्यादा हो जाने जैसी कई चुनौतियां सामने आ गई हैं। इन सभी का ऋण वृद्धि पर असर होगा।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘…बैंकिंग क्षेत्र को अपनी बैलेंस शीट दुरुस्त करनी होगी और क्षमता निर्माण भी करना होगा। इस कारण आय पर लागत का स्तर ज्यादा ही रहेगा।’
रिपोर्ट में कहा गया कि प्रणाली में ही रकम जुटाने की दिक्कतों के कारण रकम की लागत बढ़ती जाना और ग्राहकों के पास कर्ज बहुत होने की चिंता गहराना प्रमुख चुनौतियां हैं। इनके कारण खास तौर पर गिरवी के बगैर दिए जा रहे कर्ज में संपत्ति की गुणवत्ता के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है, जिसके कारण कर्ज महंगा होगा।