facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदीधार्मिक नगरी में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’, सहालग बुकिंग जोरों पर; इवेंट मैनेजमेंट और कैटरर्स की चांदी

असुरक्षित कर्ज पर स्टेट बैंक सतर्क, SBI चेयरमैन ने कहा- कर्ज की कुल वृद्धि दर 15 फीसदी पर टिके रहने की संभावना

खारा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘व्यवस्था में असुरक्षित कर्ज में 30 से 33 फीसदी की तीव्र रफ्तार से वृद्धि हो रही थी।

Last Updated- December 17, 2023 | 10:01 PM IST
Dinesh Khara, Chairman, SBI

भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा है कि एसबीआई ने असुरक्षित खुदरा कर्ज पर अपनी रफ्तार धीमी कर ली है क्योंकि बैंक स्वस्थ विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा, ‘कंपनियों की तरफ से स्थिर मांग के बीच हालांकि कर्ज की कुल वृद्धि दर 15 फीसदी पर टिके रहने की संभावना है।’

खारा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘व्यवस्था में असुरक्षित कर्ज में 30 से 33 फीसदी की तीव्र रफ्तार से वृद्धि हो रही थी। हमने विशेष इरादे से इसकी रफ्तार धीमी की, जो 18 फीसदी पर आ चुकी है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि हम उसी रफ्तार से वृद्धि दर्ज करेंगे क्योंकि हम इस खास सेगमेंट में अस्वस्थ वृद्धि नहीं चाहते।’

पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने असुरक्षित कर्ज पर जोखिम भारांक 100 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया था। असुरक्षित कर्ज में पर्सनल लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन और क्रेडिट कार्ड शामिल हैं।

खारा ने कहा, ‘नियामक का संदेश पूरी तरह से स्पष्ट है, जो कहता है कि बैंकों को स्वस्थ वृद्धि सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा, वृद्धि अच्छी होती है। लेकिन हमारी कोशिश स्वस्थ वृद्धि की होनी चाहिए। अस्वस्थ वृद्धि या विकास का अर्थव्यवस्था पर गैर-इरादतन नकारात्मक असर हो सकता है।’

जोखिम भारांक में बढ़ोतरी के कारण बैंकों की पूंजी पर असर होगा। यह देखते हुए कि ज्यादातर बैंक अच्छी तरह से पूंजीकृत हैं, पूंजी पर असर बहुत ज्यादा नहीं होगा। खारा ने कहा, असुरक्षित कर्ज व एनबीएफसी पर जोखिम भारांक में बढ़ोतरी का एसबीआई पर कुल असर 70 आधार अंक का होगा।

एसबीआई हालांकि असुरक्षित कर्ज की रफ्तार घटा रहा है, लेकिन बैंक को भरोसा है कि कर्ज वृद्धि की रफ्तार सुधरकर 14-15 फीसदी पर पहुंच जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या बैंक सालाना आधार पर 12 फीसदी की वृद्धि कायम रख पाएगा।

खारा ने कहा, ‘जब मैं रोजाना के अपने आंकड़ों की समीक्षा करता हूं तो मैं इन्हें उसी मुताबिक पाता हूं, जो मुझे भरोसा देता है कि हम शायद इन्हीं आंकड़ों के आसपास वृद्धि दर्ज करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि पूरे साल के लिए उधारी में वृद्धि करीब 14-15 फीसदी रहेगी। पिछले कुछ वर्षों से कुल उधारी वृद्धि को आगे ले जाने में खुदरा अहम रहा है, लेकिन कंपनियों को उधारी में भी हालिया तिमाहियों में ठीक-ठाक वृद्धि हो रही है।’

खारा ने कहा कि कंपनियों को 4.7 लाख करोड़ रुपये का कर्ज आवंटित होगा। यह शायद तात्कालिक उधारी वृद्धि में पूरी तरह प्रतिबिंबित नहीं होगा क्योंकि आवंटन और वितरण के बीच थोड़ा अंतर रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम भारतीय कंपनी जगत की निवेश प्रतिबद्धता पर नजर डालें तो 4.7 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा बेहतर नजर आता है।

उन्होंने कहा, ‘अगर आप कंपनियों की निवेश प्रति​बद्धताओं पर नजर डालें तो यह और अहम संकेतक होगा। वित्त वर्ष 2022-23 में निवेश प्रतिबद्धता 35 लाख करोड़ रुपये की थी और इससे पहले 2021-22 में यह 22 लाख करोड़ रुपये रही थी। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह 20 लाख करोड़ रुपये रही है।’

First Published - December 17, 2023 | 10:01 PM IST

संबंधित पोस्ट