देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सभी अवधियों के लिए अल्पकालिक खुदरा घरेलू जमा पर ब्याज दर में 15 आधार अंक कटौती की है। यह 15 जुलाई से लागू होगा। चालू वित्त वर्ष 20-26 में ब्याज दरों में यह तीसरी कटौती है, जो नकदी की स्थिति में सुधार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नीतिगत दरों में कटौती की की वजह से हुई है।
खुदरा देनदारी 3 करोड़ रुपये से कम जमा राशि होती है। अल्पावधि जमा की मेच्योरिटी 1 साल तक की होती है। स्टेट बैंक की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक 46 से 179 दिन की मेच्योरिटी वाली जमा राशि पर संशोधित ब्याज दर 4.90 प्रतिशत होगी, जो पहले 5.05 प्रतिशत थी। वहीं 180 से 210 दिन के जमा पर 5.65 प्रतिशत ब्याज मिलेगा, जो पहले के 5.80 प्रतिशत से कम है। 211 दिन से एक साल की जमा पर संशोधित ब्याज दर 5.90 प्रतिशत होगी, जो पहले 6.05 प्रतिशत थी। बैंक ने 7 से 45 दिन की दर में कोई बदलाव नहीं किया है और यह 3.05 प्रतिशत पर बरकरार है। वित्त वर्ष 2026 की शुरुआत से ही बैंकों ने ब्याज मार्जिन पर दबाव को प्रबंधित करने के लिए जमा दरों में कटौती का सहारा लिया है। बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज पर घटती आमदनी और फंड की बढ़ती लागत की वजह से जमा पर ब्याज घटाई जा रही है।
सावधि जमा पर ब्याज दरों में कटौती के अलावा स्टेट बैंक ने जून में बचत खाते पर ब्याज दर में भी 20 आधार अंक की कटौती करके इसे 2.5 प्रतिशत कर दिया है। चालू वित्त वर्ष में अब तक अल्पावधि जमा पर ब्याज दरों में कुल 60 आधार अंक की कटौती की जा चुकी है। घरेलू कारोबार से स्टेट बैंक की शुद्ध ब्याज आय (एनआईएम) वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के 3.43 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 3.22 प्रतिशत रह गई है। एनआईएम बैंक को मिले ब्याज और बैंक द्वारा किए गए ब्याज भुगतान का अंतर होता है।
ब्याज से शुद्ध आमदनी (एनआईआई) वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में क्रमिक आधार पर 3.21 प्रतिशत बढ़कर 42,775 करोड़ रुपये हो गई है।