देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा बांटे जा रहे कर्ज में सालाना 14 से 16 फीसदी वृद्धि हो रही है और उसके पास जमा आने की रफ्तार 10 फीसदी बढ़ रही है। इसे देखते हुए लगता है कि अगले वित्त वर्ष तक उसका कुल कारोबार 100 लाख करोड़ (100 ट्रिलियन) रुपये तक पहुंच सकता है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ साक्षात्कार में भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने पूरे भरोसे के साथ कहा कि बैंकिंग उद्योग में ऋण वृद्धि काफी सुस्त होने के बावजूद स्टेट बैंक ऋण वृद्धि के अपने अनुमान पर खरा उतरेगा। उन्होंने कहा कि स्टेट बैंक अगले तीन साल में सालाना 1 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे का लक्ष्य हासिल कर लेगा।
शेट्टी ने कहा, ‘हमने ऋण में 14 से 16 फीसदी और जमा में 10 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया है। वृद्धि की मौजूदा दर को देखते हुए मुझे लगता है कि मार्च 2026 तक हम अपने कारोबार को 100 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा देंगे। हो सकता है कि यह आंकड़ा इससे पहले ही हासिल हो जाए।’ सितंबर 2024 के अंत में भारतीय स्टेट बैंक ग्राहकों को 39.20 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दे चुका था और उसे मिली जमा रकम 51.17 लाख करोड़ रुपये थी। अब जमा करीब 52 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
बैंकिंग क्षेत्र में ऋण चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में 16 फीसदी की ऊंची दर से बढ़ रहा था मगर नवंबर में वृद्धि की रफ्तार घटकर 11 फीसदी ही रह गई।
शेट्टी ने कहा, ‘जहां तक स्टेट बैंक की बात है तो हम 14 से 16 फीसदी ऋण वृद्धि के अपने अनुमान पर कायम हैं। कंपनियों की ओर से कर्ज की मांग काफी ज्यादा है।’ स्टेट बैंक अभी करीब 6 लाख करोड़ रुपये के कॉरपोरेट ऋण या तो दे चुका है या उन्हें मंजूर करने पर काम चल रहा है। इस साल 30 सितंबर तक कॉरपोरेट ऋण वृद्धि साल भर पहले की तुलना में 18.35 फीसदी थी और कुल ऋण में वृद्धि 14.93 फीसदी थी। जमा की बात करते हुए शेट्टी ने कहा कि बैंक ने चालू वित्त वर्ष में 10 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य रखा है। बैंक का लक्ष्य वृद्धिशील ऋण जमा (सीडी) अनुपात को 100 फीसदी पर बरकरार रखने का है। इसका मतलब है कि कर्ज में जितनी वृद्धि होगी उतनी ही वृद्धि जमा में भी करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, ‘हमारा उद्देश्य 100 फीसदी का वृद्धिशील ऋण जमा अनुपात बनाए रखना है। बैंक के पास पर्याप्त तरलता है क्योंकि समग्र सीडी अनुपात लगभग 68 फीसदी के आसपास है।
जमा की तुलना में ऋण में ज्यादा वृद्धि होने के कारण बैंकों को हाल में संसाधन जुटाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। मगर पिछले दो पखवाड़े में ऋण वृद्धि सुस्त पड़ी है और जमा वृद्धि के आसपास आ गई है।
शेट्टी ने कहा कि स्टेट बैंक हर दिन 65,000 बचत खाते खोल रहा है। उन्होंने कहा, ‘देश भर में हमारी करीब 22,500 शाखाएं हैं और हर शाखा पर रोजाना औसतन 3 नए बचत खाते खुल रहे हैं। हम रोजाना 60,000 से 65,000 बचत खाते खोल रहे हैं।’
30 सितंबर तक एसबीआई का कुल कारोबार 90 लाख करोड़ रुपये था। अग्रिम ऋण लगभग 39 लाख करोड़ रुपये और जमा राशि 51 लाख करोड़ रुपये थी। बैंक 100 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के लक्ष्य को कब हासिल करेगा?
हमने अग्रिम ऋण में 14-16 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है और जमाओं के मोर्चे पर करीब 10 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। मौजूदा दर को देखते हुए, मुझे ऐसा लगता है कि मार्च 2026 तक हम 100 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के स्तर तक पहुंच जाएंगे और यह शायद इससे पहले भी हो सकता है।
आपने कहा था कि एसबीआई इस वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़ रुपये के परिचालन लाभ के स्तर को छू सकता है। बैंक को 1 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कब तक मिलेगा?
इसमें कुछ समय लगेगा। 1 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ के स्तर तक पहुंचने के लिए हमने तीन वर्ष का दायरा तय किया है। हमारी महत्त्वाकांक्षा यह है कि हम इतना शुद्ध लाभ हासिल करने वाली पहली कंपनी बनें। देर-सबेर हर कोई इस स्तर तक पहुंच ही जाएगा। प्रोविजन से पहले जो परिचालन मुनाफा होता है, शुद्ध मुनाफा उसका 70 प्रतिशत बैठ रहा है। इसका अर्थ यह है कि यह बुनियादी आय और अन्य आय बढ़ाने, वित्तीय लागत और परिचालन लागत घटाने आदि से जुड़े सभी प्रयासों का नतीजा है।
आपने अगस्त में चेयरमैन के तौर पर प्रभार संभाला। आप अगले तीन वर्ष में कौन सा लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं?
देश के सबसे बड़े बैंक का नेतृत्व करते प्रत्येक अध्यक्ष का कार्यकाल एक दौड़ नहीं है बल्कि मैराथन होता है। दीर्घकालिक स्तर पर मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हम लगातार मजबूत और विश्वसनीय प्रदर्शन दिखा सकें। यह न केवल वित्तीय प्रदर्शन की स्थिरता है बल्कि ग्राहक सेवा, हमारे प्रौद्योगिकी उत्पादों की उपलब्धता, संस्था को नियामकीय दिशानिर्देशों के अनुपालन के अनुरूप रखना और शेयरधारकों के लिए लगातार मूल्य तैयार करना है।
इसके अलावा हम एसबीआई के भीतर साइबर सुरक्षा से जुड़ा उत्कृष्टता केंद्र बनाने की योजना बना रहे हैं जो बैंकिंग उद्योग के साइबर सुरक्षा रुख के लिए एक मॉडल केंद्र होगा।
पिछले कुछ वर्षों में उद्योग की तुलना में एसबीआई की ऋण वृद्धि कम रही है। क्या वित्त वर्ष 2025 में एसबीआई इस मोर्चे पर बेहतर कर पाएगा?
एसबीआई के लिए हमारा अनुमान 14-16 प्रतिशत का है। कॉरपोरेट क्षेत्र में कुछ बेहतर ऋण लंबित है। हमने एसएमई ऋण की तकनीकी में अच्छा निवेश किया है। कॉरपोरेट ऋण वृद्धि 15-16 प्रतिशत है। जबकि कृषि में यह 16 प्रतिशत है। इसका अर्थ यह है कि सभी क्षेत्रों में वृद्धि से लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
लंबित कॉरपोरेट ऋण क्या है?
इसमें 6 लाख करोड़ मंजूर हो चुके ऋण और जिन ऋणों को मंजूरी देने की प्रक्रिया जारी है, वे सभी शामिल हैं।
जमा वृद्धि कम, 10 प्रतिशत से नीचे थी। एसबीआई जमा वृद्धि में सुधार के लिए क्या कदम उठा रहा है?
मौजूदा वित्त वर्ष में जमा वृद्धि करीब 10 फीसदी होगी। हमारा जमा दायरे का आधार ही बड़ा रहा है और अब यह करीब 52 लाख करोड़ रुपये है। हम क्रमिक ऋण जमा अनुपात को 100 प्रतिशत के स्तर पर लाने का लक्ष्य रख रहे हैं। हमारे पास पर्याप्त नकदी है। जमाएं बढ़ाना भी शाखाओं के नेटवर्क का काम है।
हमारी 22,500 शाखाएं हैं। हम औसतन प्रत्येक शाखा में तीन बचत खाता खोल रहे हैं जिसका अर्थ यह है कि हम रोजाना 60,000 से 65,000 बचत खाता खोल रहे हैं।