भारतीय रिजर्व बैंक को गुरुवार को ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) खरीद नीलामी में 40,000 करोड़ रुपये की अधिसूचित राशि के मुकाबले 1.87 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिली हैं।
बाजार से जुड़े हिस्सेदारों ने कहा कि ज्यादा मांग के कारण अनुसूचित बॉन्डों का कट-ऑफ मूल्य, सेकंडरी मार्केट की कीमत से कम निर्धारित किया गया था। एक प्राथमिक डीलरशिप के डीलर ने कहा कि नकदी की कमी को देखते हुए नीलामी में स्वाभाविक रूप से मांग थी। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंक बड़े हिस्सेदार थे।
रिजर्व बैंक ने ओएमओ नीलामी के माध्यम से अब तक 1 लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियां खरीदी है। केंद्रीय बैंक ने स्क्रीन आधारित ओएमओ भी आयोजित किया, जिसमें जनवरी में 58,875 करोड़ रुपये मूल्य की प्रतिभूतियां खरीदी गईं। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने सरकारी प्रतिभूति बाजार में भी हस्तक्षेप किया और सेकंडरी मार्केट से 39,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे।
बाजार हिस्सेदारों ने कहा कि ये सभी हस्तक्षेप बैंकिंग व्यवस्था में टिकाऊ नकदी डालने की रिजर्व बैंक की कवायद का हिस्सा हैं।
बॉन्ड बाजार को उम्मीद है कि अतिरिक्त ओएमओ नीलामी होगी, क्योंकि बैंकिंग व्यवस्था में पिछले 9 सप्ताह से लगातार नकदी की कमी है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि बैंकिंग व्यवस्था में बुधवार को 1.77 लाख करोड़ रुपये नकदी की शुद्ध कमी थी।