भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से शुरू की गई एकीकृत लोकपाल योजना का मकसद बैंकिंग प्रणाली में ग्राहक के विश्वास को बढ़ावा देना और तेजी से शिकायतों के समाधान के लिए ग्राहक को एक प्लेटफॉर्म मुहैया कराकर शिकायत निवारण प्रक्रिया को सुगम बनाना है। इसमें तीन मौजूदा लोकपाल योजनाओं को मिलाकर एक देश एक लोकपाल का तंत्र बनाया गया है।
रिजर्व बैंक का कहना है कि इस योजना के तहत ग्राहकों को मुफ्त में समाधान मुहैया कराया जाएगा। यहां पर रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं की सेवाओं में अक्षमता की शिकायत की जा सकेगी। यदि विनियमित संस्थाएं ग्राहकों की समस्या का समाधान उसकी संतुष्टि के स्तर तक नहीं करती हैं या 30 दिनों के भीतर जवाब नहीं देती हैं तो ग्राहक इस प्लेटफॉम पर शिकायत कर सकेंगे।
रिजर्व बैंक ने सेवा में अक्षमता की परिभाषा में कहा है कि इसका आशय यह है कि रिजर्व बैंक से विनियमित किसी संस्था द्वारा किसी भी प्रकार की वित्तीय सेवा में ऐसी कमी या अनुपयुक्तता जिससे ग्राहक को वित्तीय नुकसान या क्षति पहुंची हो।
इससे पहले रिजर्व बैंक की तीन लोकपाल योजनाएं थी जिनमें बैंकिंग लोकपाल योजना, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों के लिए लोकपाल योजना और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना शामिल हैं।
नई योजना के तहत ग्राहक रिजर्व बैंक की ओर से डिजाइन किए गए पोर्टल पर सेवा में अक्षमता की शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकता है। या फिर वह रिजर्व बैंक की ओर से स्थापित केंद्रीकृत रसीद और प्रसंस्करण केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक या भौतिक तरीके से शिकायत दर्ज करा सकता है।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि इस योजना का एक लाभ यह है कि ग्राहकों को अब इसको लेकर कोई भ्रम नहीं होगा कि उसे किस लोकपाल के तहत शिकायत करनी है। सेवा की अक्षमता के तहत शिकायत दर्ज करवाई जा सकेगी निस्संदेह इसके तहत शामिल नहीं किए गए विषयों की एक सूची है। इस योजना ने निश्चित तौर पर प्रत्येक लोकपाल कार्यालय के क्षेत्राधिकार को समाप्त कर दिया है जिससे रिजर्व बैंक लोपाल तंत्र का क्षेत्राधिकार तटस्थ हो गया है।
प्रधानमंत्री ने पिछले हफ्ते इस योजना के आरंभ के अवसर पर कहा कि अब से किसी भी आम आदमी को शिकायत दर्ज करवाने के लिए यहां वहां नहीं भागना पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘शिकायत की प्रकृति का अब कोई मसला नहीं है। शिकायतकर्ता ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकता है और एक समयबद्घ समाधान प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन तरीके से इसकी प्रगति की जानकारी प्राप्त कर सकता है। एक राष्ट्र एक लोकपाल की इस योजना से प्रत्यक्ष तौर पर 44 करोड़ ऋण खातों और 220 करोड़ जमा खाताधारकों को लाभ होगा।’ रिजर्व बैंक के गवर्नर के मुताबिक यह योजना वित्तीय प्रणाली में विश्वास को बहाल करेगी।
