भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार की रात बैंकों से ग्राहकों की शिकायतों, निवारण की लागत पर अपने खुलासों को बढ़ाने और शिकायत निवारण तंत्र की गहन समीक्षा करने के लिए कहा। रिजर्व बैंक ने समयबद्घ तरीके से अपने रिवारण तंत्र में सुधार करने में विफल रहने वाले बैंकों के खिलाफ निरीक्षणात्मक कार्रवाई करने की बात कही।
मार्च 2020 के अंत में रिजर्व बैंक के विभिन्न कार्यालयों में शिकायतों की कुल संख्या 3,08,630 थी। रिजर्व बैंक की रुझान और प्रगति रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक लोकपाल कार्यालयों में लंबित 1,95,901 शिकायतों की तुलना में शिकायतों की संख्या में यह तेज उछाल है।
यदि कोई बैंक लगातार बड़ी संख्या में शिकायतों का समाधान नहीं करता है तो साथी बैंकों के औसत से बढ़कर समाधान की लागत उस बैंक से वसूल की जाएगी। फिलहाल बैंकों के लिए निवारण पर कोई शुल्क नहीं है। हालांकि, ग्राहकों को मुफ्त में निवारण की सुविधा मिलती रहेगी। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह कदम उठाने की आवश्यकता इसलिए पड़ी कि बैंकिंग लोकपाल के समक्ष ग्राहकों की शिकायतों का अंबार लगता जा रहा है जिस पर बैंकों की ओर से अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।