भारतीय रिजर्व बैंक ने रिजर्व रेपो के तहत बैंकों से करीब 1,44,913 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
दिलचस्प बात यह है कि हाल तक मंदी की मार से बेजार बाजार में नकदी का घोर अभाव था, लेकिन आरबीआई द्वारा बैंकों से इस रकम के जुटाने से फिलहाल बाजार में पर्याप्त नकदी होने का पता चलता है।
बैंकों ने, जिनके पास अभी पर्याप्त मात्रा में फंड हैं, नकदी समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत आरबीआई में 1,47,315 करोड रुपये रखे हैं। बाजार में नकदी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के बाद आरबीआई ने केवल एक ही एलएएफ के संचालन करने का फैसला लिया है।
केंद्रीय बैंक एलएएफ का दूसरा सत्र रिपोर्टिंग फ्राइडे को करेगा जिस दिन बैंकों को नकद आरक्षी अनुपात और सांविधिक नकदी अनुपात (एसएलआर) नियमों का पालन करना होता है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई एलएएफ का दूसरे सत्र का संचालन सितंबर 2008 से करता आ रहा है।
इस समय बैंक एलएएफ के तहत प्रतिदिन आरबीआई में 1,00,000 करोड रुपये जमा कर रहे हैं। इधर कर्ज की मांग में काफी कमी आई है जबकि बैंक जमा योजना के तहत जुटाई गई राशि के निवेश को लेकर परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
