भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक की बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी रखने वाले कम से कम पांच संभावित बोलीदाताओं का आकलन शुरू किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कोटक महिंद्रा बैंक, प्रेम वत्स समर्थित सीएसबी बैंक और एमिरेट्स एनबीडी बोलीदाताओं में शामिल हैं, जिन्होंने अभिरुचि पत्र जमा कराया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। रॉयटर्स हालांकि अन्य संभावित बोलीदाताओं के नाम की पुष्टि नहीं कर पाया।
आरबीआई, वित्त मंत्रालय, आईडीबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक, सीएसबी बैंक ने इस बारे में टिप्पणी नहीं की। एमिरेट्स बैंक के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। व्यापक निजीकरण योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में यह विनिवेश का पहला बड़ा मामला है और इससे सरकार को मौजूदा बाजार कीमत पर 300 अरब रुपये मिल सकते हैं।
आईडीबीआई बैंक में भारत सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है और वह इसकी 30.48 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। साथ ही भारतीय जीवन बीमा निगम अपनी 49.24 फीसदी हिस्सेदारी में से 30.24 फीसदी हिस्सा बेचेगी।
हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया का पहला कदम अभिरुचि पत्र जमा कराने का मामला जनवरी में पूरा हो गया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। तब से ही संभावित बोलीदाताओं ने बैंक का ड्यू डिलिजेंस शुरू कर दिया है और सूत्रों ने कहा कि वित्तीय बोली इसी साल आगे जमा कराई जा सकती है। संभावित बोलीदाताओं ने सवाल उठाया है कि विनिवेश के बाद सरकार का कितना नियंत्रण रहेगा क्योंकि तब भी उसके पास 15 फीसदी हिस्सेदारी बची रहेगी और सरकारी कंपनी एलआईसी के पास 19 फीसदी हिस्सेदारी होगी।
एक सूत्र ने कहा, सरकार का इरादा प्रबंधन पर किसी तरह के नियंत्रण का नहीं है। सरकार तब इस पर फैसला लेगी जब लिखित रूप से इस पर जानकारी देना आवश्यक होगा।