facebookmetapixel
Amul ने 700 से ज्यादा प्रोडक्ट्स के घटाए दाम, जानें पनीर, घी और मक्खन कितना हुआ सस्ताम्युचुअल फंड्स और ETF में निवेश लूजर्स का खेल…‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक ने निवेशकों को क्या सलाह दी?Bonus Stocks: अगले हफ्ते कुल पांच कंपनियां निवेशकों को देंगी बोनस, बिना कोई खर्च मिलेगा अतिरिक्त शेयर10 साल में 1716% का रिटर्न! बजाज ग्रुप की कंपनी निवेशकों को देगी 1600% का डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: अगले हफ्ते निवेशकों के बल्ले-बल्ले! 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, देखें पूरी लिस्टअमेरिका की नई H-1B वीजा फीस से भारतीय IT और इंजीनियर्स पर असर: NasscomHDFC, PNB और BoB ने MCLR घटाई, EMI में मिल सकती है राहतH-1B वीजा होल्डर्स के लिए अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, जेपी मॉर्गन की चेतावनी: अभी US छोड़कर नहीं जाएंDividend Stocks: सिविल कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़ी यह कंपनी देगी 30% का तगड़ा डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेराष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बना रहा है भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम: ISRO प्रमुख

मार्जिन सुधार से बढ़ सकता है बैंकों ­का मुनाफा

Last Updated- April 10, 2023 | 9:54 PM IST
Indian Banks- भारतीय बैंक

बैंकों से उम्मीद की जा रही है कि आर्थिक सुधार का लाभ उठाते हुए वे मार्च 2023 को समाप्त होने वाली तिमाही (वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही) में अच्छा लाभ और परिसंपत्ति गुणवत्ता प्रोफाइल दर्ज करेंगे।

बेहतर शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) और ऋण लागत में गिरावट के बीच सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर औसतन 43.6 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान जताया गया है। यह ब्लूमबर्ग के डेटाबेस पर 17 बैंकों के विश्लेषक अनुमानों के संयुक्त आकलन पर आधारित है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 84.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है। घरेलू ब्रोकर मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि अच्छे मार्जिन और ऋण लागत में लगातार कमी से सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों की कमाई में इजाफा दमदार रहने के आसार हैं। निजी क्षेत्र के बैंकों के मामले में भी अच्छी कारोबारी वृद्धि, जोरदार मार्जिन और नरम ऋण लागत के वजह से कमाई अच्छी रहनी चाहिए।

लेकिन वेतन संशोधन के कारण सरकारी स्वामित्व वाले ऋणदाताओं के मामले में तथा कारोबारों में लगातार निवेश की वजह से निजी बैंकों के मामले में परिचालन व्यय अधिक रहने के आसार हैं।

विश्लेषकों के अनुमानों के अनुसार बढ़ती उधार दर और अग्रिमों पर अधिक प्रतिफल की वजह से मार्च 2023 की तिमाही में बैंक शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) में सालाना आधार पर 21.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकते हैं।

बैंकों के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी से लाभ के संबंध में केयर रेटिंग्स ने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने उधार दर और जमा दरों के बीच अधिक अंतर बनाए रखा है।

ब्याज दर बढ़ोतरी उसके बाद जमा दरों के मुकाबले उधार दरों में तीव्र बदलाव से निकट अवधि में एनआईएम में विस्तार हुआ है। यह प्रवृत्ति दिसंबर 2022 की तिमाही में भी देखी गई थी, जब एनआईएम सालाना आधार पर 17 आधार अंक तक बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गई। वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में एनआईएम 2.8 प्रतिशत स्तर पर थी।

बैंकों ने मई 2022-मार्च 2023 के दौरान नीतिगत रीपो दर में वृद्धि के साथ अपने बाहरी बेंचमार्क आधारित उधार दरों (ईबीएलआर) को 250 आधार अंक तक बढ़ाते हुए संशोधित किया है। खुदरा और एमएसएमई के ऋण का मूल्य निर्धारण ईबीएलआर से जुड़ा हुआ है।

First Published - April 10, 2023 | 9:54 PM IST

संबंधित पोस्ट