महाराष्ट्र सरकार अपने राजस्व विभाग में नए बदलाव करने जा रही है। राजस्व विभाग अपने आप को अपडेट करते हुए अब ब्लॉकचेन तकनीक को अपना रहा है। महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि इससे विभाग के कागजों के दस्तावेजीकरण में आसानी होगी। सरकार के कामकाज का तरीका भी बदलेगा।
आइए जानते है कि क्या होती है ब्लॉकचेन तकनीक?
ब्लॉकचेन एक आधुनिक तकनीक है। इस तकनीक के जरिए बिना किसी अन्य मध्यस्थ प्लेटफार्म का सहारा लिए आसानी से वित्तीय लेनदेन संभव है। इस तकनीक का प्रयोग इंटरनेट के जरिए किया जाता है। ब्लॉकचेन तकनीक पारदर्शी, सुरक्षित है। इस तकनीक के इस्तेमाल से अनेक उद्योगों में लेन-देन की प्रक्रिया में बड़े बदलाव हो रहे है। फिनटेक कंपनियां इस तकनीक को पहले ही बड़ी तेजी से अपना रही है।
पिछले महीने मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक सम्मेलन में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि प्रशासन की भूमिका अगले दो-तीन वर्षों में हमेशा के लिए बदलने जा रही है। विशेष रूप से राजस्व विभाग में ऐसा होने जा रहा है।
राजस्व विभाग भूमि के स्वामित्व/ पट्टे, संपत्ति की बिक्री और खरीद के पंजीकरण से संबंधित कार्य संपादित करता है। नाम दर्ज करने और संपत्ति के सटीक विवरण में त्रुटियों के बारे में नागरिक लंबे समय से चिंता जताते रहे हैं। कई बार मानवीय हस्तक्षेप के कारण जमीन हथियाने और संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए फर्जी दस्तावेज भी सामने आए हैं।
अतिरिक्त जिलाधिकारी रैंक के एक अधिकारी ने कहा कि कंप्यूटर के उपयोग ने दस्तावेज़ीकरण की गति बढ़ा दी है और भूमि शीर्षक रिकॉर्ड अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं। लेकिन अगर कुछ बदलाव गैरकानूनी ढंग से किए जाते हैं तो इसे ढूंढना और कार्रवाई करना बहुत मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘ब्लॉकचेन तकनीक किसी भी अधिकारी के अधीन प्रत्येक दस्तावेज़ और उसमें किए गए परिवर्तनों का रिकॉर्ड रखेगी।
इस प्रकार यह कदाचार की जांच करेगा और यह पता लगाने में भी मदद करेगा कि दस्तावेजों में परिवर्तन कब और क्यों किए गए थे।’
आगे उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जमीन के मालिकाना हक से संबंधित एक करोड़ से ज्यादा दस्तावेज हैं। ऐसे दस्तावेजों का उपयोग किसान अक्सर फसल ऋण प्राप्त करने और अन्य उद्देश्यों के लिए करते हैं।