facebookmetapixel
Vice President Election Result: 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिलेनेपाल में सोशल मीडिया बैन से भड़का युवा आंदोलन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफापंजाब-हिमाचल बाढ़ त्रासदी: पीएम मोदी ने किया 3,100 करोड़ रुपये की मदद का ऐलाननेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारत ने नागरिकों को यात्रा से रोका, काठमांडू की दर्जनों उड़ानें रद्दUjjivan SFB का शेयर 7.4% बढ़ा, वित्त वर्ष 2030 के लिए मजबूत रणनीतिStock Market today: गिफ्ट निफ्टी में तेजी के संकेत; ट्रंप बोले- भारत-अमेरिका में ट्रेड बातचीत जारीGST कटौती से ऑटो सेक्टर को बड़ा फायदा, बाजार पूंजीकरण 3 लाख करोड़ बढ़ाInfosys बायबैक के असर से IT शेयरों में बड़ी तेजी, निफ्टी IT 2.8% उछलाBreakout Stocks: ब्रेकआउट के बाद रॉकेट बनने को तैयार ये 3 स्टॉक्स, ₹2,500 तक पहुंचने के संकेतअगस्त में 12.9 करोड़ ईवे बिल बने, त्योहारी मांग और अमेरिकी शुल्क से बढ़ी गति

कोटक बैंक की नजर विदेशी अधिग्रहण पर

Last Updated- December 07, 2022 | 1:00 AM IST

कोटक महिंद्रा बैंक विदेशी बाजार में अधिग्रहण की तैयारी कर रहे देश के अग्रणी वित्तीय समूहों में शुमार हो गया है।


पहले निवेश बैंक गोल्डमैन सैच्स के स्थानीय पार्टनर के रूप में काम कर रहे इस बैंक ने विदेशों में कारोबार और अधिग्रहण की संभावना तलाशने के लिए हसन अस्करी को नियुक्त किया है। हसन एक निवेश बैंकर हैं जो ओल्ड म्युच्युअल की कार्यकारी समिति के सदस्य रहे चुके हैं।

कोटक महिंद्रा समुह के प्रबंध निदेशक और कार्यकारी उपाध्यक्ष उदय कोटक ने हाल-फिलहाल किसी अधिग्रहण की किसी संभावना पर कुछ कहने से बचते हुए कहा कि बैंक उन अधिग्रहण के विकल्पों पर खुले विचार रखती है जो उसकी कोर रणनीति के अनुकूल होगा। ज्ञातव्य है कि पिछले 18 माह से भारतीय उद्योग और टेलीकॉम समूहों ने विदेशों पर अधिग्रहण को लेकर आक्रमक रुख अख्तियार कर रखा है। वर्तमान में वैश्विक बाजार में ग्लोबल क्रेडिट की तंगी के बाद भी यह ट्रेंड जस का तस है।

देश के सबसे बड़े मोबाइल ऑपरेटर भारती एयरटेल की दक्षिण अफ्रीकी एमटीएन के साथ विलय पर बातचीत जारी है। यह  डील लगभग 45 अरब डॉलर की होगी। किसी भी एशियाई कंपनी की सबसे बड़ा सौदा होगा। इससे पहले टाटा ग्रुप्स ने एंग्लो-डच स्टील कंपनी कोरस का 6.7 अरब डॉलर में  और ब्रिटेन की लक्जरी कार कंपनी जगुआर और लैंड रोवर का 2.3 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया था।

जबकि अच्छा मुनाफा कमा रहीं फाइनेंशियल समूह अभी तक इससे दूर रहे हैं और कड़े नियम कानूनों की वजह से सब प्राइम संकट की मार से काफी हद तक बची भी रही हैं। हालांकि इस क्षेत्र के पास विकसित देशों में अधिग्रहण के अच्छे अवसर थे, जहां अधिकांश बैंकों की परिसंपत्तियां क्रेडिट के संकट के कारण तेजी से नीचे आई हैं। कोटक महिंद्रा 7 अरब डॉलर की बाजार पूंजी के साथ देश का चौंथा सबसे बड़ा निजी वित्तीय समूह है।

समूह को उम्मीद है कि हसन कंपनी के सभी प्रमुख कारोबार को विदेशों में फैलाने की संभावना तलाशेंगे। हाल-फिलहाल कोटक कॉमर्शियल बैंकिंग के साथ, निवेश बैंकिंग सलाहकार सेवाएं, संपत्ति प्रबंधन और प्रायवेट इक्विटी क्षेत्रों में कारोबार कर रही है। हसन पिछले साल तक ओल्ड म्युच्युअल यूनिट के साथ थे। उससे पहले वे एसजी वारबर्ग और बेराक्ले में भी काम कर चुके हैं।

कोटक के अनुसार वह भारत में कारोबार फैलाने की तमन्ना रखने वाले ग्लोबल क्लाइंट्स और विदेशों में कारोबार फैलाने की योजना बना रहे भारतीय फर्म पर है। हसन की नियुक्ति कोटक की निवेश बैंकिंग सहयोगी गोल्डमैन सेशे से 2005 में अलग होने के बाद वैश्विक बाजार में गहरी पैंठ बनाने की हसरत का हिस्सा है।

हाल के वर्षों में भारत में कारोबार कर रही मेरील लींच व मार्गन स्टेनली समेत सभी प्रमुख वाल स्ट्रीट बैंक ने स्थानीय फर्मों के साथ अपने  संयुक्त कारोबार से हाथ पीछे खींच लिए। इससे इन फर्मों के हाथ से वैश्विक बाजार छिटक गया। हालांकि कोटक के लंदन, न्यूयार्क, सिंगापुर और दुबई ऑफिस हैं, लेकिन वह संपत्ति प्रबंधन और इंडियन इक्विटी ब्रोकिंग के कारोबार में है। 

First Published - May 21, 2008 | 11:58 PM IST

संबंधित पोस्ट