ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने कहा है कि अदाणी ग्रुप पर भारतीय बैंकों के कर्ज से उनकी ऋण गुणवत्ता (Credit quality) ज्यादा प्रभावित नहीं होगी। लेकिन यदि अदाणी समूह बैंक ऋणों पर ही ज्यादा निर्भर रहा तो बैंकों के लिए जोखिम बढ़ सकता है। जोखिम की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजारों से पूंजी जुटाने के संदर्भ में समूह की राह प्रभावित हो सकती है।
मूडीज ने एक बयान में कहा है कि अगर ऐसा हुआ तो घरेलू बैंक इस समूह के लिए वित्त पोषण के मुख्य स्रोत बन सकते हैं, जिससे अदाणी से जुड़े बैंकों के ऋणों में इजाफा होगा और इस वजह से जोखिम भी बढ़ जाएगा। समूह के लिए बैंक कर्ज उनके कुल ऋणों के एक प्रतिशत से भी कम हैं। हमारा अनुमान है कि निजी क्षेत्र के मुकाबले इस समूह पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का ज्यादा बकाया है।
शॉर्ट-सेलर रिपोर्ट में समूह पर शेयरों में हेरफेर और अन्य धोखाधड़ी का आरोप लगने के बाद पिछले दो सप्ताहों में, अदाणी समूह की कंपनियों के लिए इक्विटी और बॉन्ड कीमतों में भारी गिरावट आई है।
भले ही अदाणी समूह ने इन आरोपों को नकार दिया है, लेकिन समूह के शेयरों में हुई बिकवाली को ध्यान में रखते हुए उसकी प्रमुख इकाई अदाणी एंटरप्राइजेज को 2.5 अरब डॉलर की शेयर बिक्री ठंडे बस्ते में डालनी पड़ी है।
मूडीज ने कहा है कि कर्ज बढ़ने पर भी भारतीय बैंकों के कॉरपोरेट ऋणों की गुणवत्ता स्थिर रहेगी। कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में कर्जमुक्त होने पर जोर दिया है। इसका अंदाजा कॉरपोरेट ऋण बहीखाते में मामूली वृद्धि से लगाया जा सकता है।
मूडीज का कहना है कि इसके अलावा, बैंकों द्वारा कर्ज बट्टे खाते में डालने की रफ्तार भी नरम पड़ी है।