प्राइवेट सेक्टर का बैंक ICICI Bank ने अपने बचत खातों के लिए न्यूनतम औसत मासिक बैलेंस की सीमा को बढ़ाने का फैसला किया है। न्यूज वेबसाइट CNBC-आवाज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ने शनिवार को जारी एक सर्कुलर में बताया कि यह नया नियम 1 अगस्त के बाद खोले गए सभी नए खातों पर लागू होगा। इसके तहत मेट्रो सिटी और शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम औसत मासिक बैलेंस को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है।
इसके अलावा, बैंक ने सेमी-अर्बन और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी न्यूनतम बैलेंस की सीमा में बदलाव किया है। सेमी-अर्बन क्षेत्रों में अब खाताधारकों को न्यूनतम 25,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 10,000 रुपये अपने खाते में रखने होंगे। पहले यह सीमा क्रमशः 5,000 रुपये और 2,000 रुपये थी।
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बैंक ने नकद लेनदेन और ATM से जुड़े शुल्कों में भी बदलाव किया है। नए नियमों के तहत, हर महीने तीन मुफ्त नकद जमा या निकासी के बाद, प्रत्येक अतिरिक्त लेनदेन पर 150 रुपये का शुल्क देना होगा। यह शुल्क ब्रांच में या मशीन के जरिए किए गए नकद जमा पर लागू होगा। इसके अलावा, अगर बैंकिंग टाइम के बाद या छुट्टियों के दौरान मशीन के जरिए नकद जमा किया जाता है और महीने में कुल लेनदेन 10,000 रुपये से अधिक होता है, तो प्रति लेनदेन 50 रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
मेट्रो शहरों में गैर-ICICI Bank के ATM से लेनदेन पर भी नए शुल्क लागू होंगे। महीने में तीन मुफ्त लेनदेन के बाद, प्रत्येक वित्तीय लेनदेन (जैसे पैसे निकालना) पर 23 रुपये और गैर-वित्तीय लेनदेन (जैसे बैलेंस चेक करना) पर 8.50 रुपये का शुल्क देना होगा। यह सीमा वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन के कुल योग पर लागू होगी।
न्यूनतम बैलेंस न रख पाने की स्थिति में खाताधारकों को जुर्माना देना पड़ सकता है। हालांकि, बैंक तिमाही आधार पर औसत बैलेंस की गणना करता है। इसका मतलब है कि अगर किसी दिन खाते में 50,000 रुपये से कम बैलेंस होता है, तो बाकी दिनों में ज्यादा बैलेंस रखकर तिमाही का औसत पूरा किया जा सकता है। अगर तिमाही का औसत बैलेंस निर्धारित सीमा तक रहता है, तो कोई जुर्माना नहीं लगेगा।