चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का शुद्ध मुनाफा 12.5 प्रतिशत बढ़कर 19,160 करोड़ रुपये हो गया। ट्रेजरी लाभ भारी भरकम रहने से एसबीआई के शुद्ध मुनाफे को काफी दम मिला। क्रमागत आधार पर बैंक का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में दर्ज 18,643 करोड़ रुपये से 2.78 प्रतिशत बढ़ गया।
बैंक की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) सालाना आधार पर 0.13 प्रतिशत कम होकर 41,072 करोड़ रुपये रह गई। घरेलू परिचालन से शुद्ध ब्याज मार्जिन एक साल पूर्व के 3.35 प्रतिशत और पिछली तिमाही में दर्ज 3.15 प्रतिशत से कम होकर 3.02 प्रतिशत रह गया।
समीक्षाधीन अवधि में गैर-ब्याज आय 55.4 प्रतिशत उछल कर 17,346 करोड़ रुपये हो गई। निवेश पोर्टफोलियो का मूल्य बढ़ने से एसबीआई को 6,326 करोड़ रुपये का मोटा मुनाफा हुआ जिससे गैर-ब्याज आय को मजबूती मिली। इसके अलावा विदेशी मुद्रा के लेन-देन से भी बैंक ने मुनाफा कमाया जो पिछले साल के 361 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,632 करोड़ रुपये हो गया।
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने ने कहा कि मार्च 2026 के अंत तक मार्जिन सुधरने की उम्मीद है। शेट्टी ने कहा,‘पहली और दूसरी तिमाही में शुद्ध ब्याज आय औसत ही रहेगी। जमा पर ब्याज कम होने और नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में कटौती से कुछ लाभ मिलने के बाद चौथी तिमाही में शुद्ध ब्याज मार्जिन वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के 3.22 प्रतिशत पर आ जाएगा।’
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नतीजों की घोषणा के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि चालू एवं बचत खाता जमा (कासा) पर बैंक लगातार ध्यान दे रहा है। शेट्टी ने कहा,‘सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर अब ब्याज कम होते जाएंगे। एफडी पर ब्याज अब बढ़ने की गुंजाइश नहीं है और अब संभवतः इसमें कमी आनी चाहिए।’
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घरेलू परिचालन के लिए जमा पर लागत बढ़कर 5.21 प्रतिशत हो गई जो वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 5.0 प्रतिशत हुआ करती थी। पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में यह 5.11 थी। ऋणों पर ब्याज भी वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में कम होकर 8.78 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 8.89 प्रतिशत और जनवरी-मार्च 2025 में 8.98 प्रतिशत थी।
एसबीआई का सकल अग्रिम (ऋण) सालाना आधार पर 11.61 प्रतिशत बढ़कर 42.54 लाख करोड़ रुपये हो गया। इनमें खुदरा ऋण 12.56 प्रतिशत बढ़कर 15.39 लाख करोड़ रुपये हो गया। आवास ऋण सालाना आधार पर 15.05 प्रतिशत बढ़कर 8.5 लाख करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ऋण सालाना
आधार पर केवल 5.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा।
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शेट्टी ने कहा कि कंपनियां वाणिज्यिक बॉन्ड बाजार से रकम जुटा रही हैं जहां ब्याज कम है और उस रकम का इस्तेमाल कारोबारी पूंजी की जरूरत पूरी करने में कर रही हैं। वहीं, भारतीय स्टेट बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए ऋण आवंटन की वृद्धि दर का लक्ष्य 12 प्रतिशत तय किया है। इसके अलावा, शेट्टी ने कहा कि एसबीआई त्योहारों के दौरान व्यक्गित ऋण आवंटन में तेजी लाएगा।