भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एचडीएफसी बैंक को एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक में 9.50% हिस्सेदारी खरीदने की इजाजत दी है। यह खरीद एक साल के अंदर करनी होगी। अगर बैंक इस समय सीमा में हिस्सेदारी नहीं खरीदता है, तो यह मंजूरी अपने आप रद्द हो जाएगी।
AU स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) को RBI का एक अहम पत्र मिला है, जिसमें HDFC बैंक और उसकी ग्रुप कंपनियों (जैसे HDFC म्यूचुअल फंड, HDFC लाइफ इंश्योरेंस, HDFC पेंशन मैनेजमेंट, HDFC ERGO और HDFC सिक्योरिटीज) को बैंक के 9.50% तक शेयर या वोटिंग राइट्स खरीदने की अनुमति दी गई है।
यह मंजूरी 3 जनवरी 2025 को दी गई है, और इस अधिग्रहण को एक साल के भीतर पूरा करना होगा। अगर यह समय पर पूरा नहीं होता, तो यह मंजूरी रद्द हो जाएगी।
HDFC बैंक ने एक्सचेंजों को जानकारी दी है कि उसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से कोटक महिंद्रा बैंक और कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक में कुल 9.5% हिस्सेदारी हासिल करने की मंजूरी मिल गई है।
यह मंजूरी RBI के पत्र की तारीख से एक साल के लिए मान्य होगी, यानी 2 जनवरी 2026 तक।
इसके साथ ही, HDFC बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके ग्रुप की कुल हिस्सेदारी इन दोनों बैंकों में उनके चुकता शेयर पूंजी या मतदान अधिकारों के 9.5% से ज्यादा न हो।
आरबीआई के 2023 निर्देशों के मुताबिक, “कुल हिस्सेदारी” में बैंक, उसकी सहायक कंपनियों, म्यूचुअल फंड, ट्रस्टी और प्रमोटर ग्रुप से जुड़े संस्थानों के शेयर शामिल होते हैं। एचडीएफसी बैंक का इन बैंकों में निवेश करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन ग्रुप की कुल हिस्सेदारी 5% से ज्यादा हो सकती है। इसी वजह से एचडीएफसी बैंक ने आरबीआई से निवेश सीमा बढ़ाने की मंजूरी मांगी है।