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HDFC Bank F24Q2 Results: मर्जर के बाद दूसरी तिमाही में बैंक को हुआ 15,796 करोड़ रु. का नेट मुनाफा

HDFC Bank का शुद्ध ब्याज मार्जिन कई वर्षों तक 4 फीसदी से ऊपर रहा मगर वित्त वर्ष 2024 की जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर 3.4 फीसदी रह गया।

Last Updated- October 16, 2023 | 9:50 PM IST
HDFC Bank Share price

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में एचडीएफसी बैंक का शुद्ध मुनाफा 50.6 फीसदी बढ़कर 15,796 करोड़ रुपये हो गया। मगर 1 जुलाई को एचडीएफसी लिमिटेड का एचडीएफसी बैंक में विलय हो जाने की वजह से इन आंकड़ों की तुलना पिछले किसी भी आंकड़े से नहीं की जा सकती।

विलय का साफ असर निजी क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता के नतीजों पर दिखा है। एचडीएफसी लिमिटेड के फंसे हुए गैर-व्य​क्तिगत ऋणों के कारण बैंक की परिसंप​त्ति की गुणवत्ता भी खराब हो गई है। एचडीएफसी की ऊंची ब्याज दरों वाली करीब 5 लाख करोड़ रुपये की लोन बुक देनदारी के कारण बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन भी कम हुआ है।

एचडीएफसी बैंक की सकल गैर-निष्पादित आ​स्तियां (एनपीए) 30 सितंबर 2023 को 1.34 फीसदी हो गईं, जो 30 जून को 1.17 फीसदी थी। 1 जुलाई को विलय के दिन यह अनुपात 1.41 फीसदी था जो शुद्ध कर्ज में कमी के कारण बाद में घटा था।

एचडीएफसी बैंक के मुख्य वित्तीय अ​धिकारी श्रीनिवास वैद्यनाथन ने कहा, ‘एनपीए को वर्गीकृत करने के दिशानिर्देश के मुताबिक 1.34 फीसदी में से 22 आधार अंक पूर्ववर्ती एचडीएफसी के गैर-व्य​क्तिगत ऋणों के कारण है।’

एचडीएफसी बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन कई वर्षों तक 4 फीसदी से ऊपर रहा मगर वित्त वर्ष 2024 की जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर 3.4 फीसदी रह गया। एचडीएफसी के कोष की ऊंची लगात की वजह से इसमें कमी आई है।

वैद्यनाथन ने नतीजों की घोषणा के बाद कहा, ‘हमारा मार्जिन लंबे समय तक 4 से 4.1 फीसदी के करीब रहा है। अब उधारी वाली बैलेंसशीट का विलय करने से उधारी की लागत जमा की लागत से बढ़ गई है। हम उम्मीद करते हैं कि आगे चलकर जमाएं उधारी की जगह ले लेंगी। हमारा ऋण-जमा अनुपात 107 है जबकि विलय से पहले यह 85 था।’ उन्होंने कहा कि कोष की लागत में करीब 250 आधार अंक का अंतर है। एचडीएफसी की करीब 5 लाख करोड़ रुपये की उधारी खाते का भी एचडीएफसी बैंक में विलय किया गया है।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय 30.3 फीसदी बढ़कर 27,385 करोड़ रुपये रही। अन्य आय 10,708 करोड़ रुपये रही।

अन्य आय दूसरी तिमाही में 1,041 करोड़ रुपये मार्क टू मार्केट प्राप्तियों की वजह से बढ़ी है जबकि पिछले साल समान तिमाही में इस मद में 387 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

फंसे ऋण के लिए आकस्मिक प्रावधान 2,904 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले की तिमाही में 3,240 करोड़ रुपये था। कुल उधारी अनुपात पिछले साल की दूसरी तिमाही में 0.87 फीसदी था, जो चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 0.49 फीसदी रहा।

एचडीएफसी बैंक की जमाओं में जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान 1.1 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ, जो पिछले साल जुलाई-सितंबर की तुलना में 29.8 फीसदी अधिक है। कुल जमाओं में चालू और बचत खाता जमा की हिस्सेदारी 376 फीसदी रही जो विलय से पहले 42 फीसदी थी। कुल उधारी 23.54 लाख करोड़ रुपये रही (समीक्षाधीन तिमाही में 1.1 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ) जबकि जमा 21.73 लाख करोड़ रुपये रहा।

खुदरा ऋण आवंटन में 112.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि व्यावसायिक और ग्रामीण बैंकिंग ऋणों में 29.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। थोक ऋण (एचडीएफसी के गैर-व्यक्तिगत ऋण को छोड़कर) 7.9 फीसदी बढ़कर 1.02 लाख करोड़ रुपये रहा।

First Published - October 16, 2023 | 9:50 PM IST

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