facebookmetapixel
PhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने के लिए खुला, अप्लाई करें या नहीं; जानें ब्रोकरेज का नजरियाBihar Elections 2025: दिल्ली ब्लास्ट के बाद हाई अलर्ट में बिहार चुनाव का आखिरी फेज, 122 सीटों पर मतदाता करेंगे फैसलाडिमर्जर के बाद Tata Motors में कौन चमकेगा ज्यादा? जेपी मॉर्गन और SBI की बड़ी राय सामने आई₹5.40 प्रति शेयर तक डिविडेंड पाने का मौका! 12 नवंबर को एक्स-डेट पर ट्रेड करेंगे ये 5 स्टॉक्सDharmendra Health Update: ‘पापा ठीक हैं!’ धर्मेंद्र की सेहत को लेकर वायरल अफवाहों पर Esha Deol ने शेयर किया इंस्टा पोस्टभारत-अमेरिका ट्रेड डील जल्द होगी सकती है फाइनल, ट्रंप ने दिए संकेत; कहा – पीएम मोदी से शानदार रिश्तेटाटा मोटर्स CV के शेयर 12 नवंबर को होंगे लिस्ट, डिमर्जर के बाद नया सफर शुरूStock Market Update: सपाट शुरुआत के बाद बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 200 अंक गिरा; निफ्टी 25550 के नीचेDelhi Red Fort Blast: देशभर में हाई अलर्ट! यूपी-महाराष्ट्र-गुजरात में बढ़ी सुरक्षा, शाह बोले- हर एंगल से जांच जारी; UAPA के तहत मामला दर्जStocks To Watch Today: Vodafone, Tata Motors, Bajaj Finance समेत इन स्टॉक्स पर रहेगी निवेशकों की नजर; चेक करें लिस्ट

आवास ऋण पर सरकारी नजर

Last Updated- December 09, 2022 | 11:26 PM IST

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनके द्वारा 15 दिसंबर से मंजूर किए गए आवास ऋण से संबंधित आंकड़े जमा कराने का निर्देश दिया है।


मांग बढ़ाने के लिए सरकार के हस्तक्षेप के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 20 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर बहुत कम ब्याज दर की 15 दिसंबर को घोषणा की थी। गौरतलब है कि वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी की इन बैंकों के प्रमुखों के साथ सोमवार को बैठक होनी है।

बैंकरों का कहना है कि 20 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ब्याज दरों में 9.25 फीसदी की कमी और 5 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ब्याज दर में 8.5 की कमी की गई। हालांकि इसको लेकर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं रही है।

इस पैकेज के तहत पांच सालों के लिए ब्याज दर को फिक्स कर दिया गया है। ऋण के साथ ही मुफ्त संपत्ति बीमा सुविधा भी दी जाएगी।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, ‘आवास ऋण के बेहतरीन ऑफर के बावजूद ग्राहकों का रुझान नहीं बढ़ रहा है। उसकी वजह लोगों का यह सोचना है कि रियल एस्टेट की कीमतों में आगे कमी आएगी। बैंकों ने वित्त मंत्रालय से इस बाबत जानकारी दी थी लेकिन मंत्रालय ने पाक्षिक आंकड़े पेश करने के लिए कहा है।’

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हार्ट सर्जरी की वजह से अस्पताल में हैं और मुखर्जी ने वित्त मंत्रालय का उनका काम संभाला हुआ है।  हालांकि बैंक प्रमुखों के साथ तिमाही बैठक का एजेंडा क्या है, अभी इसके बारे में बताया नहीं गया है।

सूत्रों का कहना है कि इसमें दिए गए ऋणों और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के मद्देनजर जो पैकेज लागू किए गए हैं, उनकी भी समीक्षा की जा सकती है। यह बैठक संसद सत्र शुरू होने और चुनावी प्रक्रिया से एक महीने पहले ही होगी। 

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से न केवल हाल के महीने बल्कि पिछले तीन साल के उधार लेने और उधार देने जैसी सभी तरह की बढ़ोतरी के बाबत सारी जानकारियां देने को कहा गया है।

बैंक के एक अधिकारी का कहना है, ‘इस बैठक में पिछले चार महीनों में भारतीय रिजर्व बैंक के उठाए गए कदमों की घोषणा के बाद से फंड की लागत का विश्लेषण किया जाएगा।

ऐसा इसलिए भी है क्योंकि सरकार दूसरे चरण के दरों में कटौती के लिए भी दबाव बनाने की कोशिश में है। इसी वजह से उन्होंने विस्तार से आंकड़े पेश करने के लिए कहा है।’सोमवार को केंद्रीय बैंक ने बैंकों द्वारा क्षेत्रवार कर्ज उपलब्ध कराने के बाबत ताजा आंकड़े जारी किए हैं।

First Published - January 29, 2009 | 8:57 PM IST

संबंधित पोस्ट