सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) देश भर में क्रेडिट ऑफ-टेक बढ़ाने के लिए आउटरीच योजना का इंतजार किए बगैर आने वाले त्योहार सीजन के लिए अपनी योजनाओं को चाक चौबंद कर रहे हैं। बैंकरों ने कहा कि खुदरा और कृषि क्षेत्र में ऋण के अलावा वैश्विक रिकवरी को देखते हुए निर्यात ऋण देने पर भी नजर रहेगी।
भारतीय स्टेट बैंक में डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर (खुदरा कारोबार) सलोनी नारायण ने कहा कि ओणम और गणेश चतुर्थी के साथ दक्षिण में त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है, जिसे अगले महीने मनाया जाएगा। पर्याप्त पूंजी होने, खराब कर्ज के लिे प्रावधान होने और 2 साल पहले की तुलना में बढ़े हुए क्रेडिट फिल्टर के कारण बैंक बेहतर स्थिति में हैं।
बैंक आफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी एएस राजीव ने कहा कि त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए बैंक पहले से काम कर रहे हैं। तीसरी तिमाही से आउटरीच कार्यक्रम के कारण खासकर पूर्व और उत्तर पूर्व में काम और बढ़ जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक जून, 2021 में खुदरा कर्ज में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि एक साल पहले 10.4 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। यह बढ़ोतरी प्राथमिक रूप से सोने के गहने के बदले कर्ज और वाहन कर्ज में हुई है।
बड़े सरकारी बैंक पहले थोक कर्ज देते थे, अब खुदरा पर ध्यान दे रहे हैं और असुरक्षित ऋण जैसे क्षेत्रों में लगातार वृद्धि दर्ज कर रहे हैं, जिस पर अब तक निजी क्षेत्र का कब्जा था। केयर रेटिंग्स के मुताबिक वित्त वर्ष 22 में खुदरा क्षेत्र में वृद्धि जारी रहने की संभावना है।
आउटरीच योजना के पीछे त्योहार के मौसम के पहले अग्रिम कर्ज देने का विचार है, जब मांग बढऩे की संभावना है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि क्रेडिट गारंटी योजना से भी इस पर ध्यान दिया जा रहा है, जिसकी घोषणा सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद की थी।
सरकार व्यापार संगठनों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जैसे हिस्सेदारों से संपर्क करेगी और बैंकों से इन क्षेत्रों को कर्ज देने को कहा जाएगा। बैंकों से यह भी कहा गया है कि वे निर्यातकों के कर्ज की जरूरतों का विशेष ध्यान रखें। उनसे यह भी कहा गया है कि निर्यातकों को अग्रिम कर्ज देने में एकसमान तरीके का पालन किया जाना चाहिए। 2019-20 में इसी तरह की आउटरीच की कवायद के तहत अक्टूबर, 2019 और मार्च, 2021 के बीच खुदरा, कृषि और एमएसएमई क्षेत्र को करीब 4.9 लाख करोड़ रुपये कर्ज दिया गया था। यह कवायद इस साल भी जारी रहेगी, जिससे महामारी से प्रभावित छोटे कारोबारियों को मदद मिल सके।