facebookmetapixel
National Pension Scheme में हुए कई बदलाव, निवेशकों को जानना जरूरी!कोरोना के बाद वायु प्रदूषण सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट! डॉक्टरों का दावा: फेफड़ा-दिल को हो रहा बड़ा नुकसान2026 में कैसी रहेगी बाजार की चाल, निवेशक किन सेक्टर्स पर रखें नजर? मोतीलाल ओसवाल ने दिया न्यू ईयर आउटलुकYear Ender: ग्लोबल बैंक के लिए बैंकिंग सेक्टर में फिर बड़ा मर्जर? क्या और घटेगी सरकारी बैंकों की संख्याGold, Silver Price Today: सोना नए ​शिखर पर, चांदी ने भी बनाया रिकॉर्ड; चेक करें आज का भावशिप रिसाइक्लिंग पर सरकार की बड़ी तैयारी: हॉन्ग कॉन्ग कंवेंशन के अनुरूप कड़े नियम जल्ददिवाली और क्रिसमस के जश्न के बीच जमकर ड्रिंक कर रहे लोग, प्रीमियम शराब की बिक्री व मांग में बढ़ोतरीStock Market Update: सेंसेक्स 200 अंक फिसला; बजाज फाइनेंस, ईटरनल, सन फार्मा, TCS में बड़ी गिरावटBudget 2026: CII ने बजट के लिए दिये 4 अहम सुझाव, राजकोषीय अनुशासन पर जोरदेश में कैंसर के इलाज में आया बड़ा बदलाव, प्रिसिजन मेडिसिन और इम्यूनोथेरेपी बने नए विकल्प

बैकिंग सेक्टर के लिए बढ़िया रही चौथी तिमाही

Last Updated- December 07, 2022 | 12:01 AM IST

वित्तीय वर्ष 2008 की मार्च तिमाही में बैकिंग सेक्टर के वारे-न्यारे रहे।


लोअर प्रोविजिनिंग, स्टॉफ कॉस्ट में धीमी गति से बढ़ोत्तरी और मजबूत नेट इंट्रेस्ट मार्जिन की वजह से निजी क्षेत्र के बैंकों ने बेहतर प्रदर्शन किया। 18 सरकारी बैंकों और सात निजी क्षेत्र के बैंकों की इंट्रेस्ट इनकम 28.4 फीसदी की गति से बढ़ी।

जबकि नेट प्रॉफिट में 33.61 फीसदी की अच्छी बढ़त हुई। बैंकों का कुल इट्रेस्ट रेट मार्जिन 11.3 फीसदी बढ़ा जो बैंकों में उच्च जमा और कम लागत को दिखाता है। इसकी वजह सीआरआर दर में बढ़ोत्तरी और अधिकांश सरकारी बैंकों केद्वारा प्रधान ऋण दर में कटौती रही।

बैंकों की अन्य आय में भी 20.5 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई और सरकारी बैंकों की लोअर प्रॉवोजिनिंग पांच फीसदी ज्यादा रही। तीसरी तिमाही में कुछ सुधार होने के पहले अधिकांश सरकारी बैंकों का नेट इंट्रेस्ट मार्जिन दबाव में रहा था। सभी 18 सरकारी बैंकों का नेट इंट्रेस्ट मार्जिन 0.70 फीसदी की गति से बढ़ा जबकि पिछले साल की चौथी तिमाही में नेट इंट्रेस्ट मार्जिन में 7.55 फीसदी की गिरावट आई थी और यह घटकर 30.57 फीसदी के स्तर पर आ गया था।

नॉन परफारमिंग एसेट और कारपोरेट टैक्स के लिए लो-प्रोविजिनिंग की वजह से इन 18 सरकारी बैंकों के नेट प्रॉफिट में 28.9 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई। वेज लागत के घटने की वजह से लगभग सभी सरकारी बैंकों का परिचालन खर्च सपाट रहा। सरकारी क्षेत्र के बैंकों के नेट प्रॉफिट में 28.9 फीसदी की मजबूत बढ़त हुई जबकि 10 बैंकों के नेट इंट्रेस्ट मार्जिन में गिरावट आई और अन्य बैंकों का परिचालन खर्च एक अंकों में रहा।

परिचालन खर्च में कम बढोत्तरी और घटी प्रोविजिनिंग की वजह से कुल लाभ में जोरदार वृध्दि देखी गई। आईडीबीआई बैंक और स्टेट बैंक ऑफ ट्रावनकोर दोनों की वेज कॉस्ट ऊंची रही जबकि दस बैंकों की सूची में उनके स्थान में गिरावट आई।हालांकि निजी क्षेत्र के बैंकों के नेट इंट्रेस्ट मार्जिन में सुधार देखा गया। इसकी वजह फंड की लोअर कॉस्ट रही। कुछ निजी क्षेत्र केबैंकों का नेट इंट्रेस्ट इनकम 47.3 फीसदी की दर से बढ़ा।

First Published - May 17, 2008 | 12:19 AM IST

संबंधित पोस्ट