facebookmetapixel
पांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यान

बैंक में पैसा रखने वाले के लिए अच्छी खबर! सरकार जमा रकम पर बीमा कवर बढ़ाने पर कर रही है विचार

फिलहाल डिपॉजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) की जमा बीमा योजना के तहत 5,00,000 रुपये तक की जमा रकम को कवर दी जाती है।

Last Updated- February 17, 2025 | 10:34 PM IST
Banks

सरकार जमा बीमा कवर बढ़ाने के एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय में सचिव (वित्तीय सेवा) एम नागराजू ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्णय लिए जाने के बाद वित्त मंत्रालय उसकी जानकारी देगा।

मुंबई में संवाददाता सम्मेलन के दौरान नागराजू ने कहा, ‘जहां तक जमा बीमा बढ़ाने की बात है तो वह मुद्दा सरकार के पास विचाराधीन है। सरकार से मंजूरी मिलते ही हम उसकी जानकारी देंगे।’ मगर इस प्रस्ताव को सरकार से मंजूरी मिलने के बारे में कोई समयसीमा नहीं बताई गई है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि जमा बीमा में कितनी वृद्धि की जाएगी।

फिलहाल डिपॉजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) की जमा बीमा योजना के तहत 5,00,000 रुपये तक की जमा रकम को कवर दी जाती है। डीआईसीजीसी भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी है जो सभी वाणिज्यिक बैंकों के लिए जमा बीमा का प्रबंधन करती है। इसके दायरे में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लोकल एरिया बैंक और सहकारी बैंक भी शामिल हैं। पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक संकट के बाद 4 फरवरी, 2020 से प्रभावी तौर पर जमा बीमा कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ा दिया गया था।

पिछले सप्ताह न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में हुए संकट के बाद जमा बीमा कवर बढ़ाने का मुद्दा फिर सामने आ गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 13 फरवरी को उसे नए ऋण जारी करने पर रोक लगा दी और जमा निकासी को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया। आरबीआई ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के बोर्ड को भंग करते हुए एक प्रशासक नियुक्त किया है। इसके साथ ही डीआईसीजीसी ने दावों के निपटान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। जमाकर्ताओं को 30 मार्च तक अपना दावा प्रस्तुत करना होगा और 14 मई तक उनके दावे का भुगतान कर दिया जाएगा।

रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में डीआईसीजीसी ने 1,432 करोड़ रुपये के दावों का निपटान किया जिसमें पूरी रकम सहकारी बैंकों के लिए थी। डीआईसीजीसी के पास पंजीकृत बीमित बैंकों की संख्या 31 मार्च, 2024 तक 1,997 थी जिनमें 140 वाणिज्यिक बैंक और 1,857 सहकारी बैंक शामिल हैं।

मौजूदा 5,00,000 रुपये की सीमा करीब 98 फीसदी जमा खातों को कवर करती है। जहां तक जमा रकम की बात है तो केवल 43.1 फीसदी जमा ही बीमा कवर के दायरे में हैं। वाणिज्यिक बैंकों के मामले में महज 41.9 फीसदी जमा रकम ही बीमा कवर के दायरे में है जबकि सहकारी बैंकों के मामले में यह आंकड़ा 63.3 फीसदी है।

जमा बीमा प्रीमियम का पूरा बोझ बीमित बैंक उठाता है। सरकार ने जमा बीमा योजना को अनिवार्य कर दिया है और कोई भी बैंक उसे नजरअंदाज नहीं कर सकता। भारत में परिचालन करने वाले सभी वा​णि​ज्यिक बैंकों का बीमा डीआईसीजीसी द्वारा किया जाता है। इसमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लोकल एरिया बैंक और सहकारी बैंक के अलावा विदेशी बैंकों की भारतीय शाखा भी शामिल हैं।

First Published - February 17, 2025 | 10:18 PM IST

संबंधित पोस्ट