facebookmetapixel
Editorial: बाजार में एसएमई आईपीओ की लहरराष्ट्र की बात: कहानियां गढ़ने में डीपफेक से पैदा हुई नई चुनौतीजलवायु परिवर्तन नहीं सत्ता परिवर्तन असल मुद्दा!क्विक कॉमर्स में स्टार्टअप की नई रणनीतिपिछड़ा अरट्टई, व्हाट्सऐप फिर नंबर एक; एआई सर्च इंजन परप्लेक्सिटी ने भारतीयों का ध्यान ज्यादा खींचा‘पाक से रिश्ते भारत की कीमत पर नहीं’…अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा – भारत के साथ हमारी दोस्ती गहरीसिल्क सिटी भागलपुर के रेशम का घुट रहा दम, ट्रंप टैरिफ से बढ़ी गर्दिशसस्ते आयात से स्टील के दाम पर दबाव की आशंका, उद्योग के साथ महत्त्वपूर्ण बैठक करेगा इस्पात मंत्रालयपोर्टल पर हो नौकरियों का सटीक आंकड़ा, श्रम मंत्रालय से मजबूत तंत्र विकसित करने का आग्रहभारत बनेगा खिलौनों का ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब, ₹13000 करोड़ की योजना पर काम कर रही सरकार

Fitch का अनुमान: FY26 में फिर आगे रहेंगे सरकारी बैंक, लोन बढ़ोतरी दर 13% तक पहुंच सकती है

फिच के अनुसार वित्त वर्ष 26 में सार्वजनिक बैंकों की ऋण वृद्धि 12-13% रहने की उम्मीद, निजी बैंक असुरक्षित ऋण और एलडीआर दबाव से रहेंगे पीछे।

Last Updated- June 23, 2025 | 10:10 PM IST
RBI Share and IPO Loan
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

रेटिंग एजेंसी फिच ने आज कहा कि इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26 ) में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ऋण वितरण की वृद्धि दर समकक्ष निजी बैंकों से फिर अधिक कायम रहेगी। निजी बैंक असुरक्षित ऋण के पोर्टफोलियो और बढ़ते ऋण जमा अनुपात (एलडीआर) के कारण संपत्ति की गुणवत्ता के दबाव का सामना कर रहे हैं।

फिच रेटिंग्स के बैंकों के वरिष्ठ निदेशक सास्वता गुहा ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ऋण वृद्धि 12-13 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों की ऋण वृद्धि 10 प्रतिशत से कम रहेगी। वित्त वर्ष 25 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ऋण वृद्धि दर 12.4 प्रतिशत थी जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों की ऋण वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत थी।

फिच ने बयान में बताया कि क्षेत्रवार वृद्धि दर वित्त वर्ष 25 में 10.6 प्रतिशत थी और यह इस वर्ष में वित्त वर्ष 21 के बाद सबसे कम थी। यह आंकड़ा कड़े नियामकीय जांच व धन जुटाने की स्थिति में गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं और असुरक्षित खुदरा ग्राहकों की घटती क्षमता को प्रदर्शित करता है। इसके अनुसार, ‘हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 26 में उदार मौद्रिक नीति और धन जुटाने की आसान शर्तों के कारण क्षेत्रवार ऋण वृद्धि 12-13 प्रतिशत रहेगी।’

फिच ने वित्तीय प्रोफाइल का हवाला देते हुए बताया कि चार वर्षों में क्षेत्रवार ऋण वृद्धि धीमी होने के बावजूद बेहतर संपत्ति गुणवत्ता, पर्याप्त मजबूत पूंजी और स्थिर लाभप्रदता दर्ज की गई। वित्त वर्ष 26 में मार्जिन व क्रेडिट लागत पर चक्रीय दबावों के कारण ज्यादातर क्रेडिट मेट्रिक्स ने स्थिर प्रदर्शन कायम रख सकते हैं।

First Published - June 23, 2025 | 10:03 PM IST

संबंधित पोस्ट