facebookmetapixel
खरीदारी पर श्राद्ध – जीएसटी की छाया, मॉल में सूने पड़े ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोरएयरपोर्ट पर थर्ड-पार्टी समेत सभी सेवाओं के लिए ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार, AERA बनाएगा नया नियमकाठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें दोबारा शुरू, नेपाल से लोगों को लाने के प्रयास तेजभारत-अमेरिका ट्रेड डील फिर पटरी पर, मोदी-ट्रंप ने बातचीत जल्द पूरी होने की जताई उम्मीदApple ने उतारा iPhone 17, एयर नाम से लाई सबसे पतला फोन; इतनी है कीमतGST Reforms: इनपुट टैक्स क्रेडिट में रियायत चाहती हैं बीमा कंपनियांमोलीकॉप को 1.5 अरब डॉलर में खरीदेंगी टेगा इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा कदGST 2.0 से पहले स्टॉक खत्म करने में जुटे डीलर, छूट की बारिशEditorial: भारत में अनुबंधित रोजगार में तेजी, नए रोजगार की गुणवत्ता पर संकटडबल-सर्टिफिकेशन के जाल में उलझा स्टील सेक्टर, QCO नियम छोटे कारोबारियों के लिए बना बड़ी चुनौती

बैंकिंग के क्षेत्र में रूस से रिश्तों को मजबूत करने की कवायद

Last Updated- December 07, 2022 | 12:41 PM IST

भारत और रूस अब अपने बैंकिंग रिश्तों को एक नई मजबूती देने की कवायद में लगते प्रतीत हो रहे हैं। भारत रूस के छोटे क्षेत्रीय बैंकों के साथ वित्तीय साझेदारी करने पर राजी हो गया है।


इस बारे में इंडियन बैंक एसोसिएशन यानी आईबीए के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य समस्या छोटे बैंकों को लेकर है,क्योंकि रूस के बड़े बैंकों के बारे में तो सूचनाएं भारतीय बैंकों को मिल जाती है लेकिन छोटे बैंकों के बारे में अगर कोई राय बनानी हो तो फिर सूचनाओं के अभाव के कारण मुश्किलें होती हैं।

इसके अलावा दोनों देशों में दोनों के बैंकों की संख्या भी सीमित ही है। मसलन भारत में रूस के बैंक वीटीबी की मुंबई में एकमात्र शाखा है। लिहाजा यह चाहता है कि अन्य शहरों में भी इस बैंक का कारोबार फैले। इसके अलावा एक दूसरे रूसी बैंक स्बर ने भी भारत में अपने कॉरपोरेट क्लाइंट्स को सेवा प्रदान करने के में दिलचस्पी दिखाई है। नतीजतन भारत और रूस के बीच पिछले कई वर्षों से वित्तीय रिश्तों में जारी गतिरोध को कम करने के लिहाज से जुलाई के पहले हफ्ते में भारत की ओर से आईबीए ने भारतीय बैंकरों का एक प्रतिनिधि मंडल मास्को भेजा था।

वहां इस शिष्टमंडल ने सेंट्रल बैंक ऑफ रशियन फेडरेशन, रशियन बैंकों, सेल्फ रेग्युलेटरी आर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक और असोसिएशन ऑफ रीजनल बैंक के साथ इस मसले पर बातचीत की। इस बारे में आईबीए के एक अधिकारी जो शिष्टमंडल की टीम में थे ने बताया कि भारतीय बैंक रूसी बैंकों की गारंटी स्वीकार नही कर रहे हैं क्योंकि वहां की ज्यादातर कंपनियों के क्रेडिट संबंधी भरोसे का सवाल इस में आता है क्योंकि ज्यादातर कंपनियों की स्थापना 90 के दशक में हुई थी।

First Published - July 21, 2008 | 9:48 PM IST

संबंधित पोस्ट