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यूपीआई लाइट में बिना पॉसवर्ड कर सकेंगे छोटे लेन-देन, रणनीति पर चल रही चर्चा

इस समय भारत में 40 करोड़ से ज्यादा यूनीक यूजर्स का आधार है, जो तत्काल भुगतान के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं।

Last Updated- November 19, 2024 | 10:23 PM IST
UPI

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) इकोसिस्टम छोटे लेन-देन को यूपीआई लाइट में स्थानांतरित करने की रणनीति पर विचार कर रहा है, क्योंकि बैंक और फिनटेक जैसी वित्तीय संस्थाएं पूरी क्षमता से काम करना जारी रखे हुए हैं। यह ऐसे समय सामने आया है जब उद्योग यूपीआई पर तकनीकी रुकावटों और लेन-देन की विफलताओं को रोकने के लिए प्रयासरत है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) दिलीप आसबे ने कहा कि 2016 में भुगतान विफल होने के मामले 8 से 10 प्रतिशत थे, जो 2024 में घटकर 0.7 प्रतिशत से भी कम रह गए हैं।

11वें एसबीआई बैंकिंग ऐंड इकनॉमिक कॉन्क्लेव 2024 में असबे ने कहा, ‘पिछले कुछ समय से खासकर बैंकों की ओर से बुनियादी ढांचे को विस्तार देने की तमाम कवायदें की गई हैं। समय बीतने के साथ छोटे लेन-देन को यूपीआई लाइट में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि इस रणनीति पर पूरा इकोसिस्टम विचार कर रहा है।’

उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब यूपीआई भुगतान पर शून्य मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) न होने की स्थिति में संबंधित लागतों के बावजूद बैंक के सर्वर और फिनटेक पीक आवर्स के दौरान लेन-देन को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं।

इस समय भारत में 40 करोड़ से ज्यादा यूनीक यूजर्स का आधार है, जो तत्काल भुगतान के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं। यूपीआई लाइट से कम मूल्य के लेन-देन किए जा सकते हैं, जिसमें यूपीआई पिन की जरूरत नहीं होती। एनपीसीआई के मुताबिक यह बैंक की कोर बैंकिंग व्यवस्था के इस्तेमाल के बगैर किया जा सकता है।

अक्टूबर में भारतीय रिजर्व बैंक ने यूपीआई लाइट वालेट की सीमा बढ़ा दी ती और प्रति लेनदेन इसे 500 से बढ़ाकर 1,000 रुपये और वालेट की कुल सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी थी।

First Published - November 19, 2024 | 10:08 PM IST

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