राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (एनएआरसीएल) के गठन की राह साफ करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रतिभूति रसीदों को सरकार की गारंटी मुहैया कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन रसीदों का इस्तेमाल कर्जदाताओं के फंसे कर्ज को खरीदने के लिए किया जाएगा। इस तरह की गारंटी के लिए सरकार ने 31,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं।
एनएआरसीएल द्वारा कर्जदाताओं के फंसे कर्ज को खरीदने के लिए जारी की जाने वाली प्रतिभूति रसीद पर केंद्र सरकार गारंटी मुहैया कराएगी। बैंक अपनी मूल संपत्ति का स्थानांतरण शुद्ध बुक वैल्यू पर एनएआरसीएल को स्थानांतरित करेंगे। प्रस्तावित बैड बैंक या एनएआरसीएल कर्ज के लिए सहमति वाली राशि का 15 प्रतिशत तक नकद भुगतान करेगा, जबकि शेष 85 प्रतिशत का भुगतान सरकार द्वारा गारंटीशुदा प्रतिभूति रसीदों से दिया जाएगा।
शुरुआती मूल्य के मुकाबले नुकसान होने की स्थिति में सरकार की गारंटी मुहैया कराई जाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि इसकी औपचारिक घोषणा गुरुवार को किए जाने की संभावना है। इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने सरकार की गारंटी करीब 31,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था, जिसे बैड बैंक स्थापित करने का काम सौंपा गया है।
पिछले महीने आईबीए ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में 6,000 करोड़ रुपये के एनएआरसीएल के गठन के लिए आवेदन दिया था। सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट की मंजूरी जरूरी थी, क्योंकि एनएआरसीएल द्वारा जारी प्रतिभूति रसीदों पर सॉवरिन गारंटी दी जानी है। सूत्रों ने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस साल बजट में घोषित बैड बैंक परिचालन में आ सकेगा।
वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट में घोषणा की थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की दबाव वाली संपत्तियों के उच्च स्तर के प्रावधान के लिए बैंक के बहीखातों को साफ करने के उपायों की जरूरत है। उन्होंने कहा था, ‘मौजूदा दबाव वाले कर्ज को लेने और उसके समेकन के लिए एक संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड और संपत्ति प्रबंधन कंपनी का गठन किया जाएगा।’